अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस गिंसबर्ग की मौत से क्यों छिड़ा है सियासी संग्राम? 

वॉशिंगटन
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस रूथ बेडर गिंसबर्ग के निधन के बाद से सियासी संग्राम जारी है। अमेरिका की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के पद पर पहुंचने वाली गिंसबर्ग दूसरी महिला थीं। उन्हें महिला अधिकार और सामाजिक न्याय का पुरोधा माना जाता है। उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आप चाहे उनसे सहमत हो या नहीं, वह एक अद्भुत महिला थीं, जिन्होंने अद्भुत जीवन जिया। उनके निधन के बाद से खाली हुए पोस्ट पर नए जज की नियुक्ति को लेकर खींचतान शुरू हो गई है।

गिंसबर्ग का उत्तराधिकारी कैसे बदलेगा सुप्रीम कोर्ट की स्थिति
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में कुल 9 जज शामिल हैं। गिंसबर्ग के निधन के बाद से कोर्ट में 8 जज बचे हैं। ऐसे में अगर ट्रंप एक रूढ़िवादी जज की नियुक्ति कर देते हैं तो कोर्ट में वैचारिक स्थिति बदल सकती है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को छोड़कर अगर किसी मुद्दे पर चर्चा की जाती है तो चार-चार की संख्या के दौरान सरकार के पक्ष में फैसला आने की संभावना भी बढ़ सकती है।

अमेरिका में कैसे नियुक्त होते हैं जज
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में नौ सदस्यीय जजों की नियुक्ति राष्ट्रपति और अमेरिकी सीनेट द्वारा की जाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति किसी भी जज को सुप्रीम कोर्ट के लिए नामिनेट करते हैं। जिसके बाद से सीनेट में उसके नाम पर वोटिंग की जाती है। इसमें मिले वोटों से ही तय होता है कि नामांकित व्यक्ति अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का जज बनेगा कि नहीं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी रिपब्लिकन हैं और उनकी पार्टी की इस समय सीनेट में बहुमत है। ऐसी स्थिति में वे जिसे चाहें उसे सुप्रीम कोर्ट में जज बना सकते हैं।

जज की नियुक्ति का डेमोक्रेट क्यों कर रहे हैं विरोध
ट्रंप की विरोधी डेमोक्रेटिक पार्टी का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव होने में केवल 2 महीने का समय है। इसलिए, नए जज की नियुक्ति का काम चुनाव के बाद नए राष्ट्रपति को करना चाहिए। डेमोक्रेट का विरोध इसलिए भी है क्योंकि 2016 में जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे तब रिपब्लिकन ने लगभग एक साल तक सुप्रीम कोर्ट में नए जज की नियुक्ति नहीं होने दी। चुनाव बाद जब ट्रंप राष्ट्रपति बने तब उन्होंने नील गोरसच को जज नियुक्त किया था। ऐसा लगता नहीं है कि ट्रंप 2 महीनों का इंतजार करेंगे।

ट्रंप की जज की नियुक्ति का क्या पड़ेगा प्रभाव
ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के एक कार्यकाल के दौरान अबतक सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति कर चुके हैं। अगर वह गिंसबर्ग की जगह पर तीसरे जज की नियुक्ति करते हैं तो इसका अमेरिका की राजनीति पर लंबा असर पड़ेगा। अगर कोर्ट में ट्रंप के पक्ष में जजों का झुकाव हो जाता है तो वह अपने सरकारी एजेंडा को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं। ओबामाकेयर, गर्भपात का अधिकार, आव्रजन, टैक्सेशन और क्रिमिनल जस्टिस के मुद्दे पर उनकी पार्टी को आगामी 30 साल के लिए बढ़त मिल जाएगी।

बिल क्लिंटन ने गिन्सबर्ग को बनाया था सुप्रीम कोर्ट का जज
गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने गिंसबर्ग को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश पद पर नामित किया था। वह करीब 27 साल से इस पद पर थीं और कुछ साल से कैंसर से पीड़ित थीं। गिंसबर्ग की मौत तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव से 50 दिन से भी कम समय पहले हुई है।

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