वैक्सीन ट्रायल के लिए गृहमंत्री खुद बनेंगे वॉलेंटियर

भोपाल
 राजधानी में चल रहे कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए लोग नहीं मिलने पर प्रदेश के गृहमंत्री ने कहा है कि वे को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए खुद वॉलिंटियर बनेंगे। एक दिन पहले ही मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि भोपाल में को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने को-वैक्सीन के ट्राय के लिए वॉलिंटियर बनने की इच्छा जाहिर की है। गृह मंत्री ने कहा है कि ऐसा नहीं होगा कि मध्यप्रदेश में वैक्सीन ट्रायल के लिए वॉलिंटियर न मिलें। मैं खुद वैक्सीन ट्रायल के लिए तैयार हूं। आज ही डॉक्टर्स से बात करने की भी बात उन्होंने कही। उन्होंने कहा कि यदि चैकअप के बाद वे फिट पाए जाते हैं तो फिर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने ऊपर करवाएंगे।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि भोपाल में को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेज GMC में सारी व्यवस्था होने के बावजूद भी ट्रायल शुरू नहीं हो पा रहा है, क्योंकि जब लोग ही उपलब्ध नहीं होंगे तो ट्रायल कैसे होगा। सारंग ने कहा था कि भोपाल के लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, इसलिए अब तक शहर के सिर्फ एक निजी मेडिकल कालेज में ही ट्रायल शुरू हो पाया है।

6 दिन में 45 लोग

देश में स्वदेशी कोरोना की को-वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। यह ट्रायल पिछले दिनों भोपाल में भी शुरू हुआ है। पिछले 6 दिनों में केवल 45 वॉलिंटियर ही को-वैक्सीन के ट्रायल में शामिल हुए हैं। यही कारण है कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि वे खुद वॉलंटियर बनने के लिए तैयार हैं।

ट्रायल का तीसरा चरण

किसी भी वैक्सीन के लिए अलग-अलग चरणों में ट्रायल किया जाता है। ट्रायल सफल होने के बाद ही इसे आम लोगों पर इस्तेमाल की अनुमति होती है। भोपाल में स्वदेशी वैक्सीन को-वैक्सीन का भारत में थर्ड फेस का ट्रायल चल रहा है।

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