लोक सेवा गारंटी के दायरे में औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग का काम
भोपाल
निवेशकों को सुविधा देने के लिए शिवराज सरकार ने जमीन आवंटन और बिल्डिंग परमिशन की समय सीमा तय कर बड़ी राहत दी है। ऐसे में दस करोड़ रुपए या उससे अधिक के औद्योगिक निवेश के लिए जमीन आवंटन की खातिर भटकने वाले निवेशकों के लिए प्रोजेक्ट में काम करने में सरकारी हीलाहवाली का सामना नहीं करना होगा। यह सुविधा सरकार ने निवेशकों को जमीन के लिए आवेदन करने पर आशय पत्र जारी करने और भूमि आवंटन को लोक सेवा गारंटी के दायरे में लाकर दी है। इसके साथ ही पट्टा अभिलेख निष्पादन, कब्जा और भवन निर्माण अनुमति के साथ जल आवंटन को भी लोक सेवा के दायरे में शामिल कर दिया गया है।
लोक सेवा गारंटी विभाग के दायरे में आने वाली इन सेवाओं संबंधित आदेश प्रदेश में लागू भी हो गया है। इस गारंटी सेवा में कहा गया है कि एमपीआईडीसी के विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन के लिए यह व्यवस्था प्रभावी होगी। इसके मुताबिक अगर कोई निवेशक यूनिट डालने के लिए प्लांट, मशीनरी और शेड तथा बिल्डिंग में संयुक्त रूप से 10 करोड़ रुपए या उससे अधिक निवेश करने के लिए आवेदन करता है तो उसे एमपीआईडीसी के रीजनल आफिस के कार्यकारी संचालक द्वारा उसी क्षण आनलाइन आवेदन प्रस्तुत करते ही आशय पत्र जारी किया जाएगा। सरकार ने व्यवस्था की है कि आशय पत्र (इंटेंशन लेटर) उसी दिन जनरेट हो जाएगा। इस मामले में तीस दिन में प्रथम अपील की निराकरण सीमा भी तय की गई है। इसके साथ ही ऐसे ही मामले में दस करोड़ से कम निवेश प्रस्तावित होने पर सात दिन में आशय पत्र जारी करने का प्रावधान किया गया है।
शहरी क्षेत्रों में एमपीआईडीसी के अधीन विकसित औद्योगिक क्षेत्र होने की दशा में कार्यपालन यंत्री एमपीआईडीसी रीजनल कार्यालय को 10 दिवस में भवन निर्माण की अनुमति देना होगी। साथ ही कार्यपालन यंत्री औद्योगिक क्षेत्र की यूनिट्स में जल आवंटन के लिए 5 कार्य दिवस में सुविधा देने के लिए बाध्य होंगे।
लोक सेवा गारंटी में शामिल इस सेवा में आशय पत्र मिलने के बाद जैसे ही निवेशक द्वारा पूर्ण राशि जमा कर दी जाएगी, उसके चार दिन के अंतराल में आवंटन आदेश जारी हो जाएगा। इसके बाद आवंटन आदेश की शर्तों की पूर्ति होने के बाद दस दिन के अंतराल में एमआईडीसी के रीजनल कार्यालय के क्षेत्रीय संचालक को दस दिन में पट्टा अभिलेख निष्पादन की कार्यवाही कराना होगी। इसके लिए भी काम न होने पर तीस दिन के भीतर अपील का निराकरण करने का प्रावधान किया गया है।