ममता पर कैलाश विजयवर्गीय ने साधा निशाना- ‘जय श्रीराम नारे पर नाराज होना सोची समझी राजनीति का हिस्‍सा’

कोलकाता
नेताजी जयंती पर आयोजित समारोह में मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के सामने 'जय श्रीराम' की नारेबाजी अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है। जहां एक तरफ तृणमूल कांग्रेस के नेता सरकारी कार्यक्रम में धार्मिक नारेबाजी को गलत करार दे रहे हैं। वहीं, बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसको लेकर ममता बनर्जी पर तगड़ा निशाना साधा है। इस बीच, ममता के सामने 'जय श्रीराम' की नारेबाजी का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी तेजी के साथ ट्रेंड कर रहा है। विजयवर्गीय ने कहा कि 'जय श्रीराम' नारे पर नाराज होना ममता बनर्जी की सोची समझी राजनीति का हिस्‍सा है। चुनाव आ रहे हैं, ममता को अल्‍पसंख्‍यकों के वोट चाहिए इसलिए इस मंच का उन्‍होंने लाभ उठा लिया। सिर्फ नारे की वजह से ममता बनर्जी का भाषण देने से इनकार करना उनकी हताशा को जाहिर करता है।

कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को कहा कि उन्‍हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि 'जय श्रीराम' का नारा लगाने में क्‍या समस्‍या है और ममता जी इससे क्‍यों नाराज हो गईं। विजयवर्गीय ने कहा- 'मुझे लगता है कि जब ममता बनर्जी मंच पर भाषण देने के लिए उठ रही थीं तो उन्‍हें सम्‍मान देने के लिए नारेबाजी की गई। नारेबाजी के कारण ममता ने डायस छोड़ दिया, यह उनकी कुंठा जताता है।' पश्चिम बंगाल प्रभारी ने कहा कि नेताजी की जयंती के मंच पर पीएम मोदी के सामने जिस तरह ममता बनर्जी ने राजनीतिक हथकंडा अपनाया है, वह उसकी कड़ी निंदा करते हैं। 'जय श्रीराम' और 'भारत माता की जय' अगर इस देश में गाली तो ममता को सोचना चाहिए कि किस देश उन्‍हें रहना है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर किसी मंच पर प्रधानमंत्री खड़े हैं तो वहां 'जय श्रीराम' का नारा लगाया जाता है तो इसमें क्‍या बुराई है?

कैलाश विजयवर्गीय की तरह बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ममता बनर्जी पर हमला बोला है। अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि ममता बनर्जी ने बोलने से इनकार करके बंगाल के महापुरुषों का अपमान किया है। उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा- 'ममता बनर्जी ने विश्व भारती के शताब्दी समारोह में जाने से इनकार कर रबींद्रनाथ टैगोर की विरासत का अपमान किया। नेताजी की जयंती समारोह के अवसर पर अपना भाषण न देकर भी उन्‍होंने ऐसा किया है। बंगाल अपने महापुरुषों का इस तरह अपमान बर्दाश्‍त नहीं करेगा। वहीं, बीजेपी सांसद डॉ. सुकांत मजमूदार ने भी ममता बनर्जी का वीडियो ट्विटर पर शेयर कर पूछा है कि दीदी (ममता बनर्जी) आखिर क्‍यों प्रभु श्रीराम के नाम से नफरत करती हैं। इससे पहले ममता बनर्जी के सामने 'जय श्रीराम' के नारे लगने पर टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने गहरी नाराजगी जताई। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा था कि राम का नाम गले लगाकर बोलें न कि गला दबाके। नुसरत ने कहा था कि वह स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह में राजनीतिक और धार्मिक नारेबाजी की कड़ी निंदा करती हैं।

इसी तरह तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ' ब्रायन ने जय श्रीराम के नारे लगाने वालों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मान-मर्यादा सिखाई नहीं जाती। ओ'ब्रायन ने इस वाकये का एक मिनट का वीडियो टैग करते हुए ट्वीट किया, 'मर्यादा। आप असभ्य लोगों को मर्यादा नहीं सिखा सकते। कार्यक्रम में असल में क्या हुआ, उसका एक मिनट का वीडियो ये रहा। वीडियो में यह भी दिखा कि ममता बनर्जी ने किस तरह मर्यादा में रहकर अपनी प्रतिक्रिया दी।' बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में ममता बनर्जी ने नारेबाजी से नाराज होकर भाषण देने से इनकार कर दिया था। ममता ने कहा था कि एक सरकारी कार्यक्रम राजनीतिक बनकर रह गया है। अगर आप किसी को आमंत्रित करते हैं तो इस तरह उसकी बेइज्‍जती करना आपको शोभा नहीं देता। इसके बाद 'जय हिंद-जय बांग्‍ला' बोलकर ममता डायस छोड़कर पीएम मोदी के बगल में जाकर बैठ गईं।

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