90 लड़ाकू विमानों के साथ अमेरिकी एयरक्राफ्ट ने साउथ चाइना सी प्रवेश किया
साउथ चाइना सी
अमेरिका ने जो बाइडन के शपथग्रहण के चार दिन बाद ही चीन के नजदीक फिर से अपना एयरक्राफ्ट कैरियर को तैनात कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सत्ता परिवर्तन के बाद भी चीन को लेकर अमेरिका की नीतियों में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। ताइवान को लेकर बढ़ते तनाव के बीच यूएसएस थिओडोर रूजवेल्ट के नेतृत्व में अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के काफिले ने शनिवार को साउथ चाइना सी में प्रवेश किया। इस स्ट्राइक ग्रुप में 90 लड़ाकू विमानों और 3000 नौसैनिकों के अलावा कई डिस्ट्रायर, फ्रिगेट्स और परमाणु पनडुब्बियां शामिल हैं।
चीन के नजदीक पहुंचा अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर
अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड ने बताया कि कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने शनिवार को दक्षिण चीन सागर में प्रवेश किया। उसी दिन ताइवान ने प्रतास द्वीप समूह के आसपास के क्षेत्र में अपने वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में चीनी बमवर्षक और लड़ाकू जेट के घुसपैठ को पकड़ा था। अमेरिका ने कहा कि नियमित रूप से समुद्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली साझेदारियों का निर्माण करने को लेकर उसके जहाजों ने इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है।
एशिया में अमेरिका के तीन एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात
हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने अपने तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को इस इलाके में तैनात किया है। इनमें यूएसएस रोनाल्ड रीगन, यूएएसएस थियोडोर रुजवेल्ट और यूएसएस निमित्ज शामिल हैं। यूएसएस निमित्ज वर्तमान में ईरान से तनाव के बीच खाड़ी देशों के पास तैनात है। वहीं, यूएसएस रोनाल्ड रीगन हिंद महासागर में गश्त कर रहा है।