जम्मू-कश्मीर में बढ़ने लगीं राजनीतिक गतिविधियां, राम माधव ने दौरा कर टटोली सियासी नब्ज

 नई दिल्ली 
मनोज सिन्हा के जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनने के बाद राज्य की सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। जल्दी ही उपराज्यपाल की सलाहकार परिषद का गठन कर दिया जाएगा। इस बीच भाजपा महासचिव और जम्मू-कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ राम माधव ने राज्य का दौरा कर वहां पर राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया है। पिछले दिनों आतंकी हमलों में कई भाजपा नेताओं की जान गई है और कई जगह पर नेताओं ने भाजपा से इस्तीफा भी दिया है।

एक साल पहले जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद केंद्र सरकार ने सख्ती के साथ राज्य में आतंकी गतिविधियों को सीमित करने के साथ देश विरोधी गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया है। अब वह जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ाने जा रही है। मनोज सिन्हा का उपराज्यपाल बनना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है। इसके पहले नौकरशाह गिरीश मुर्मू यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे जिन्होंने राज्य का प्रशासनिक ढांचे को मजबूती प्रदान की है। अब बारी राजनीतिक पारी की है।
 

सूत्रों के अनुसार जल्दी ही उप राज्यपाल की सलाहकार परिषद का गठन हो जाएगा, जिसके बाद राजनीतिक गतिविधियों और भविष्य की तैयारियों का काम शुरू कर दिया जाएगा। विभिन्न राजनीतिक दल भी इस बीच सक्रिय हो रहे हैं। भाजपा महासचिव राम माधव ने भी राज्य का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लिया है।

दरअसल पिछले कुछ दिनों से आतंकियों ने भाजपा नेताओं को निशाना बनाया है। इससे भाजपा को लेकर लोगों में भय फैलाना है। हालांकि इसके पहले भी अन्य दलों के नेताओं को भी आतंकियों ने शिकार बनाकर बनाया हुआ है। भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उनकी सुरक्षा कड़ी की जा रही है और जरूरी एहतियात किए जा रहे हैं। 

आजाद की नाराजगी का लाभ उठा सकती है भाजपा 
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का अंदरूनी घटनाक्रम भी कश्मीर की राजनीति को प्रभावित कर सकता है। राज्य कांग्रेस के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस नेतृत्व को लेकर तीखे तेवर नए राजनीतिक समीकरण की तरफ बढ़ सकते हैं। भाजपा इस मौके का लाभ उठा सकती है। हालांकि उसने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन वह कांग्रेस के इन अंदरूनी मतभेदों को राज्य में अपने पक्ष में बनाने की कोशिश करेगी। भाजपा की नजर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं पर है। जिन्हें वह अपने साथ लाकर राज्य में नई राजनीतिक गतिविधियों को शुरू करना चाहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button