केजरीवाल की बैठक से विवादों में मान, बोले- अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए दिल्ली भेजा था

नई दिल्ली

मुख्यमंत्री भगवंत मान की गैर मौजूदगी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के शीर्ष अधिकारियों की बैठक ने राज्य सरकार को निशाने पर ला दिया है। हालांकि, मान ने घटना पर सफाई दी है और कहा है कि उन्होंने ही अधिकारियों को 'ट्रेनिंग' पर दिल्ली भेजा था। कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं।

पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान मान ने बैठक का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'मैंने उन अधिकारियों को दिल्ली भेजा था। ट्रेनिंग के लिए वही अधिकारी गुजरात और तमिलनाडु गए थे। अगर जरूरत पड़ी तो मैं पंजाब की भलाई के लिए उन्हें इजरायल भेजूंगा।'

इस दौरान मान ने उन आरोपों से भी इनकार किया है कि पंजाब की सरकार दिल्ली के 'रिमोट कंट्रोल' से चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के अहम फैसले वह ही ले रहे हैं। इस संबंध में सीएम ने कहा कि जो लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें 'उचित जवाब' मिलेगा और राज्य के लोगों को 16 अप्रैल को 'अच्छी खबर मिलेगी।' उन्होंने कहा, 'मैं सभी फैसले ले रहा हूं। अगर मुझे किसी और राज्य में कुछ अच्छा लगेगा, तो मैं अपने अधिकारियों को वहां भेजूंगा। स्टालिन दिल्ली के स्कूलों में गए थे और ट्रंप की पत्नी भी दिल्ली आई थीं।'

विपक्ष ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता पीएस बाजवा ने कहा कि यह अधिकारियों की क्षमताओं में भरोसे की कमी को दिखाता है। वहीं, शिअद के सुखबीर बादल ने सीएम मान पर सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने ताकत को दिल्ली सरेंडर कर दिया है। वहीं, भाजपा इस मामले में सरकार के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि इस मामले को लेकर राज्यपाल के पास जाएंगे।

 

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