समर्थन पर कांग्रेस हुई राजी, कर्नाटक के पांच साल तक सीएम बने रहेंगे कुमारस्वामी

बेंगलुरु
कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनने के बाद मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-जेडी(एस) के बीच की तकरार अब खत्म होती दिख रही है। दोनों दलों में विभागों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। शुक्रवार को दोनों दल इस बारे में औपचारिक घोषणा करने वाले हैं। साथ ही कांग्रेस कुमारस्वामी को बतौर मुख्यमंत्री पांच तक समर्थन देने पर राजी हो गई है। दोनों पार्टियां मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। 
 
सारे अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने टीओआई को बताया कि हमारा फोकस केवल विभागों के बंटवारे पर नहीं है। गठबंधन को मजबूत बनाने और दोनों दलों में बेहतर तालमेल के लिए एक को-ऑर्डिनेशन कमिटी के साथ ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने जा रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस का ताजा फैसला इसलिए बेहद अहम है क्योंकि पार्टी नेता और डेप्युटी सीएम परमेश्वर ने कुछ दिनों पहले कहा था कुमारस्वामी का पांच साल तक समर्थन करने पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इसके बाद कुमारस्वामी ने सार्वजिनक रूप से कहा था कि वह कांग्रेस की 'दया' पर निर्भर हैं। 

अहम मंत्रालयों को लेकर विवाद खत्म 
अहम मंत्रालयों को लेकर कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच बात बन गई है। वित्त मंत्रालय जेडी(एस) के पास रहेगा, वहीं गृह मंत्रालय कांग्रेस के मंत्री संभालेंगे। जेडी(एस) के महासचिव ने दानिश अली ने टीओआई को बताया, 'सभी मसलों को सुलझाकर गठबंधन सरकार को पांच साल तक कांग्रेस समर्थन देने के लिए राजी है और यह फैसला लिखित रूप में ऐलान किया जाएगा। हम चाहते हैं हर चीज लिखित हो, जिससे सरकार चलाने में मदद मिले। दोनों दलों के बीच यह सहमति बन गई है कि एचडी कुमारस्वामी ही पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे।' 

 
पांच राउंड बातचीत के बाद गुरुवार को कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और जेडी(एस) के नेता दानिश अली बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। वहां वे दोनों स्थानीय नेताओं से बात करेंगे। बुधवार रात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए बातचीत में शामिल हुए थे। इस दौरान वेणुगोपाल ने एचडी कुमास्वामी से चर्चा की। इसके बाद कुमारस्वामी ने कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर किसी भी मतभेद को साफ नकार दिया। 

दोनों दलों के बीच मतभेद सुलझने के बाद यह साफ हो गया है कि कांग्रेस और जेडी(एस) मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। गठबंधन को मजबूती देने के लिए एक को-ऑर्डिनेशन कमिटी बनाने पर सहमति बनी है। साथ ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी बनाया जाएगा, जिससे दोनों दल चुनाव के वक्त किए गए अपने-अपने वायदों को पूरा कर सकें। 

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