मार्च के अंत तक भारत में कोरोना के केसों में आएगी बड़ी गिरावट-विशेषज्ञ

नई दिल्ली
सरकार के विशेषज्ञों के एक पैनल ने संभावना जताई है कि मार्च 2021 के अंत तक भारत में कोरोना वायरस के मामलों में हजारों की संख्या में कमी आ सकती है। सरकारी विशेषज्ञ पैनल के सदस्यों द्वारा लिखे गए एक लेख में उल्लेखित अनुमानों के अनुसार, भारत में सक्रिय कोरोनावायरस के मामले मार्च 2021 के अंत तक हजारों की संख्या में कमी आने की संभावना है।
 
भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों में तेज गिरावट की भविष्यवाणी करने वाले इस लेख को विज्ञान और प्रौद्दोगिकी विभाग द्वारा स्थापित राष्ट्रीय सुपर मॉडल समिति का हिस्सा रहे विशेषज्ञों ने लिखा है। 'द केस फॉर रैपिड वैक्सीनेशन ऑफ इंडिया – एंड द रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड' नामक शीर्षक के इस लेख को चेन्नई गणितीय संस्थान के राजीव एक करंदीकर, सीएसआईआर हेडक्वाटर्स के डॉ. शेखर सी मांडे और आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर ने लिखा है। विशेषज्ञों द्वार लिखे गए इस लेख के अनुसार, 'दोनों सीरोलॉजिकल सर्वे और आधुनिक भविष्यवाणियों के अनुसार, भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा वर्तमान में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी में है, जिनमें से कुछ ने प्राकृतिक रूप से कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) प्राप्त कर ली है।'
 
विशेषज्ञों ने लेख में लिखा है कि कोविड -19 के खिलाफ सबसे विश्वसनीय दीर्घकालिक सुरक्षा टीकाकरण के माध्यम से प्रदान किया जा सकता है। लेख के अनुसार, सबसे विश्वसनीय दीर्घकालिक सुरक्षा टीकाकरण के माध्यम से प्रदान की जाती है। हाल ही में यह सुझाव दिया गया है कि टीकाकरण प्राकृतिक संक्रमण की तुलना में अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदान करना है और इसलिए यह बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने की कुंजी है।' लेख आगे कहता है कि, हालांकि यह मुद्दा अभी तक निर्णायक रूप से तय नहीं किया गया है, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण की तुलना में एंटीबॉडी की उपस्थिति वायरस के म्यूटेशन से दोबारा संक्रमण के खिलाफ कम सुरक्षा प्रदान करती है। इसलिए यह जरूरी है कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
 

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