इंजीनियरिंग कॉलेज की सीटों में होगी कटौती, एआईसीटीई चलाएगा कैंची

भोपाल
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने आगामी सत्र 2021-22 में कॉलेजों की मान्यता को निरंतरता जारी करने की प्रक्रिया पर शुरू कर दी है। एआईसीटीई उन कालेजों की सीटों में कटौती करेगा, जिनमें पिछले पांच सालों में प्रथम और तीसरे सेमेस्टर में तीस फीसदी से कम प्रवेश हुए हैं। निरंतरता के लिए कालेज 31 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं, जिसके बाद एआईसीटीई कॉलेजों का आनलाइन विजिट कराएगा।

प्रथम सेमेस्टर में तीस फीसदी से कम प्रवेश होने पर एआईसीटीई ने कालेजों पर एक्शन लेना शुरू कर दिया था। तब कॉलेजों ने एनआईसीटीई से कहाकि उन्हें तीसरे सेमेस्टर में लेटरल एंट्री के माध्यम से अच्छे प्रवेश मिल जाते हैं, जिससे उनके प्रवेश की स्थिति तीस फीसदी से ज्यादा हो जाती है। कॉलेजों की अपील का गौर करते हुए प्रथम सेमेस्टर के तीस फीसदी के बंधन को तीसरे सेमेस्टर तक के लिए बढ़ा दिया है। अब प्रथम और द्वितीय वर्ष के तीस फीसदी प्रवेश नहीं होने पर कालेजों की सीटों पर पचास फीसदी की कटौती होना तय हो गया है।

इंजीनियरिंग एजुकेशन के बिगड़े ढांचे को सुधारने एआईसीटीई ने कठोर कमद उठाने जा रहा है। एआईसीटीई के मापदंडों पर खरे नहीं उतरने पर कालेजों की सीटों की बड़े स्तर पर कटौती होगी। पिछले पांच साल में कुल इंटेक पर प्रथम और तीसरे सेमेस्टर में तीस फीसदी से कम प्रवेश होने पर एआईसीटीई उनकी सीटों पर पचास फीसदी तक की कटौती करेगा। वहीं फर्जीवाड़ा उजागर होने पर उनकी मान्यता तक तत्काल खत्म कर दी जाएगी। एआईसीटीई ने देशभर के कालेजों की मान्यता और निरंतरता देने के लिए 31 अप्रैल तक एप्लीकेशन जमा कराएगा। अब एआईसीटीई कालेजों से आने वाले आवेदनों की स्कू्रटनी करेगा। इसके बाद उनकी मान्यता और निरंतरता जारी की जाएगी। इसके पहले उनके आनलाइन विजिट किए जाएंगे।

सूबे में 151 निजी और सरकारी इंजीनियरिंग कालेज संचालित हो रहे हैं। कालेजों ने एआईसीटीई से आगामी सत्र 2021-22 निरंतरता लेने आवेदन कराना शुरू कर दिए हैं। उक्त 151 कालेजों में करीब 56 हजार 884 सीटें हैं। एआईसीटीई दस्तावेजों का परीक्षण करता है, तो उनकी सीटों में भारी कटौती भी हो सकती है। क्योंकि कई कालेजों ने निरंतरता के लिए फर्जीवाड़े का सहारा भी लिया है। इससे उनकी सीटों पर कटौती होना भी तय हो गया है।

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