राष्ट्रीय सेवा योजना से समन्वित कृषि विकास – डॉ. पाटील

रायपुर
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विश्वविद्यालय स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम हेतु अंगीकृत गांवों से ही एन.एस.एस. के लिए गांवों का चयन किया जाये, जिससे कृषि का समन्वित विकास का मॉडल प्रदर्शित किया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों में समन्वय स्थापित किया जाए। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी को भी एन.एस.एस. के माध्यम से क्रियान्वित किया जाए, जिससे कृषि के छात्र कृषि व्यवसाय से जुड़कर प्रदेश की कृषि को समृद्धशाली बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सके। इस बैठक में राष्ट्रीय सेवा योजना के 40 कार्यक्रम अधिकारी एवं 21 सलाहकार समिति के सदस्यों ने भाग लिया।

इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. प्रभाकर सिंह ने कहा कि एन.एस.एस. के माध्यम से स्वयंसेवकों में श्रेष्ठ नागरिक के गुणों जैसे – स्वयं के व्यक्तित्व का विकास, चरित्र निर्माण, राष्ट्र सेवा, अनुशासन आदि पर जोर दिया जाए। हमारा देश कृषि प्रधान देश है, साथ ही कृषि के उन्नयन से ही लोगों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के स्वयंसेवकों की राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भोपाल के क्षेत्रीय निदेशक ए.एस. कबीर, ने बताया कि एन.एस.एस. की दृष्टि से कृषि एक महत्वपूर्ण विधा ह,ै स्वयंसेवकों को इससे जोड़कर गतिविधियां क्रियान्वित करना चाहिए। राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य अधिकारी डॉ. समरेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. (मेजर) जी.के. श्रीवास्तव ने छात्रों में होने वाले व्यक्तित्व का विकास के बारे में बताया। उन्होंने लॉकडाइन के दौरान कृषि विश्वविद्यालय की एन.एस.एस. इकाईयों द्वारा किये गये विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन एन.एस.एस. प्रभारी डॉ. संजय कुमार द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर संचालक अनुसंधान, डॉ. आर.के. बाजपेयी, अधिष्ठाता त्रय डॉ. एस.एस. राव, डॉ. एम.पी. त्रिपाठी एवं डॉ. के.पी. वर्मा, सह संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक त्रिपाठी, एफ.टी.सी., पी.एन.बी., के संचालक राजेश ध्रुव उपस्थित थे।

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