CM शिवराज सिंह चौहान की घोषणा भूमिस्वामी अधिकार पत्र में अब पत्नी का भी दर्ज होगा नाम

भोपाल
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले रहवासियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार उन्हें अब ग्रामीण आबादी के सर्वे के बाद भूमिस्वामी अधिकार पत्र दे रही है और अब इसमें केवल परिवार के मुखिया के रूप में पुरुषों का ही नाम दर्ज नही होगा बल्कि पति के साथ उनकी पत्नी के संयुक्त नाम से ये भूमिस्वामी अधिकार पत्र जारी किए जाएंगे।

राजस्व विभाग ने भू राजस्व संहिता में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की ग्रामीण आबादी का सर्वे कराकर ड्रोन से वहां रहने वाले रिहायशी क्षेत्रों के नक्शे तैयार किए है और उनका भौतिक सत्यापन कराकर वहां रहने वाले परिवारों को भू-अधिकार पत्र देने की शुरुआत की है। ग्रामीण आबादी सर्वे हेतु जो मार्गदर्शिका जारी की गई थी उसमें पहले परिवार के मुखिया के नाम से भूमिस्वामी अधिकार पत्र जारी किए जाने थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद अब इसमें बदलाव करते हुए यह निर्णय लिया गय है कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत आबादी भूमि के कब्जाधारकों को प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे उसमें पति- पत्नी के संयुक्त नाम दर्ज किए जाएंगे।  इसमें अब मुखिया के स्थान पर परिवार के मुखिया के पुरुष और विवाहित होने की स्थिति में उसके साथ उसकी पत्नी का नाम भी दर्ज किया जाएगा। अब सर्वे से लेकर प्रमाणपत्र जारी करने की कार्यवाही में यह बदलाव किया जाएगा।

इस योजना में 6 राज्यों के चुनिंदा जिलों को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया। इनमें हरदा, सीहोर और डिंडोरी सम्मिलित हैं। अब ग्रामीण क्षेत्र के हर संपत्ति धारक को संपत्ति का प्रमाण पत्र एवं भूमि स्वामित्व प्राप्त होगा जिससे वह बैंक से ऋण लेकर अपने लिए रोजगार के नवीन अवसर सृजित कर सकेंगे। स्वामित्व योजना द्वारा संपत्ति धारक को उनका अधिकार दस्तावेज के रूप में प्राप्त हुआ है, जिससे ग्रामीण आबादी को मालिकाना हक मिला है।इस योजना से भू-संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे।

इससे संपत्तियों को कर संग्रह के दायरे में भी लाया जा सकेगा और इससे आसानी से कर संग्रह संभव हो पाएगा। इस आमदनी से पंचायतें अपने ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर और कारगर सुविधाएं भी दे पाएंगी।

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