जब तक कोरोना तब तक कोई एग्जाम नहीं, पुलिस भर्ती एग्जाम स्थगित

भोपाल
तीन सालों के  लंबे इंतजार के बाद आयोजित हो रही एमपी पुलिस आरक्षक भर्ती की परीक्षा कोरोना का गृहण लग गया है। व्यापमं ने कोरोना का हवाला देते हुए उक्त एग्जाम अनिश्चत काल के लिए स्थगित कर दिए हैं,लेकिन जिस भीड़ से बचने एवं सोशल डिस्टेसिंग मेंटेन रखने के लिए जो फैसला लिया गया है उस समस्या से आंगे भी निजात मिलने वाली नहीं है क्योंकि व्यापमं ने एग्जाम सेंटर बढ़ाने जाने को लेकर अब तक कोई प्लानिंग तैयार नहीं की है।

पीईबी के मुताबिक 16 जिलों के एग्जाम सेंटर में ही प्रदेश 52 जिलों के सवा 12 लाख आवेदक एग्जाम देंगे। पीईबी से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पुलिस आरक्षक भर्ती की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए  12 लाख 16 हजार उम्मीदवारों ने आॅनलाइन आवेदन सबमिट किया है। इसमें पीएचडी,एमबीए एवं बीटेक डिग्रीधारी भी शामिल हैं।

यानि कि एक पद के लिए 300 आवेदकों की प्रतिस्पर्धा। इसमें खास बात यह है कि इतने आवेदन तो 2017 की पुलिस भर्ती में भी नहीं आए थे। उस दौरान करीब सबा 10 लाख ही आवेदन आए थे। इसमें मजे कि बात यह है कि व्यापमं ने कोरोना की चादर ओढ़ एग्जाम डेटलाइन अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दी है,लेकिन इस चुनौती से निपटने के लिए अब तक प्लानिंग एवं रोडमैप तैयार नहीं किया है। ऐसे में इसकी दोहरी सजा उम्मीदवारों को भुगतनी पड़ रही है। एक ओर जहां उन्हें वर्तमान भर्ती परीक्षा भी नहीं हो रही है वहीं,दूसरी ओर नए अवसरों पर भी ताला लगा हुआ है।

पुलिस आरक्षक भर्ती के लिए उम्मीदवारों को कहना है कि जब सर्वाधिक भीड़ जुटा चुनावी शक्ति का प्रर्दशन किया जा सकता है। यूपीएससी एवं एनडीए के केंद्रीयकृत एग्जाम देशभर में कंडक्ट हो सकतें हैं तो फिर पीईबी एग्जाम सेंटर में बढ़ोत्तरी कर एग्जाम आयोजित क्यों नहीं करा रहा है।

कोरोना वायरस कब खत्म होगा इसकी भी कोई डेडलाइन नहीं है इस दौरान जो  उम्मीदवार ओवरऐज होंगे उन्हें अवसर मुहैया कराने की गारंटी कौन लेगा यह सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है।

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