अब कोविशील्‍ड की दूसरी डोज तीन महीने बाद? वैक्‍सीन को लेकर क्‍या-क्‍या बदल सकता है

नई दिल्‍ली
कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान से जुड़े नियमों में बदलाव किया जा सकता है। वैक्‍सीन की पर्याप्‍त डोज उपलब्‍ध न होने की रिपोर्ट्स के बीच, सरकारी पैनल ने कई बदलावों की सिफारिश की है। टीकाकरण पर बने राष्‍ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने कोविशील्‍ड वैक्‍सीन के डोज इंटरवल को बढ़ाने से लेकर कोविड मरीजों को टीका लगाने में देरी करने जैसे सुझाव दिए हैं। अगर सरकार इन सुझावों को मान लेती है तो लोगों को वैक्‍सीन के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि वैक्‍सीनेशन में क्‍या-क्‍या बदलाव हो सकते हैं।

कोविड पॉजिटिव मरीजों को वैक्‍सीन कब?
सरकारी पैनल की सिफारिश है कि जिनको लैब टेस्‍ट (RT-PCR, RAT) में कोविड होने की पुष्टि हो चुकी है, उन्‍हें रिकवरी के छह महीने तक वैक्‍सीन न दी जाए। फिलहाल एक्‍सपर्ट्स रिकवरी के महीने भर बाद वैक्‍सीन लगवाने की सलाह देते हैं।

बाकी देशों में रिकवर हो चुके लोगों को कब वैक्‍सीन लगाते हैं?
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) के अनुसार, पॉजिटिव टेस्‍ट होने के कम से कम 90 दिन बाद वैक्‍सीन दी जानी चाहिए। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने कोविड मरीजों में 6 महीने तक नैचनल इम्‍युनिटी रहने की बात कही है। WHO के मुताबिक, अगर पहली डोज के बाद पॉजिटिव टेस्‍ट होते हैं तो दूसरी डोज उसके 8 हफ्ते बाद दी जानी चाहिए।

भारत में कोविशील्‍ड की दूसरी डोज कब लगेगी?
सरकारी पैनल की सिफारिश है कि कोविशील्‍ड की दूसरी डोज 12-16 हफ्ते बाद लगाई जाए। यानी अगर आपको पहली डोज मार्च में लगी हो तो दूसरी डोज जुलाई या अगस्‍त में लगे।

अभी कोविशील्‍ड की दूसरी डोज कब लगती है?
मार्च में, केंद्र सरकार ने कोविशील्‍ड की दो डोज के बीच 4-8 हफ्तों का वक्‍त रखने को कहा था। उससे पहले यह समयसीमा 4-6 हफ्ते थी।

विदेशों में कोविशील्‍ड की दो डोज के बीच कितना गैप रखते हैं?
द लैंसेट में छपी स्‍टडी के अनुसार, 12 हफ्तों के अंतराल पर कोविशील्‍ड की डोज देने पर उसका असर बढ़ जाता है। यूनाइटेड किंगडम और कनाडा में वैक्‍सीन की दूसरी डोज चार महीने बाद दी जा रही है।

कोविशील्‍ड बनाने वाली कंपनी का क्‍या कहना है?
भारत में अस्‍त्राजेनेका की वैक्‍सीन (कोविशील्‍ड) बना रहे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि अगर डोज के बीच दो-तीन महीने का अंतर हो तो वैक्‍सीन 90% तक असरदार हो जाती है।

कोवैक्‍सीन की दूसरी डोज का समय भी बदला है क्‍या?
नहीं, कोवैक्‍सीन के डोज इंटरवल में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्‍सीन कब?
पैनल ने कहा है कि गर्भवती महिलाओं को कोई भी वैक्‍सीन लेने की छूट दी जानी चाहिए। यह भी कहा गया कि स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को डिलिवरी के बाद किसी भी वक्‍त टीका लगा दिया जाना चाहिए।

इन सिफारिशों का अब क्‍या होगा?
NTAGI की ये सिफारिशें अब कोविड-19 वैक्‍सीन के लिए बने नैशनल एक्‍सपर्ट ग्रुप को भेजी जाएंगी। इसके बाद केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय अंतिम फैसला करेगा।

'इम्‍युनिटी रहने तक न दी जाए वैक्‍सीन'
NTAGI का मानना है कि कोविड से उबर चुके लोगों को तुरंत टीका लगाने की जरूरत नहीं है। एक्‍सपर्ट पैनल के अनुसार, ऐसे लोगों के शरीर में कोविड-19 के खिलाफ ऐंटीबॉडीज मौजूद होती हैं जो उन्‍हें वायरस से सुरक्षा देती है। इम्‍युनिटी पीरियड के दौरान उन्‍हें वैक्‍सीन देना उसकी बर्बादी होगा। देश पहले से ही कोविड वैक्‍सीन की किल्‍लत से जूझ रहा है। खासतौर से 18 साल से ऊपर वालों के लिए वैक्‍सीन का रास्‍ता खोलने के बाद पर्याप्‍त डोज उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में कोविड से रिकवर कर चुके मरीजों को बेहद कम खतरा देखते हुए पैनल ने उनके लिए टीकाकरण टालने का सुझाव दिया है।

 

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