गायत्री परिवार के योग, प्राकृतिक, आयुर्वेद एवं मनोवैज्ञानिक चिकित्सक दे रहे आॅनलाइन नि:शुल्क परामर्श

रायपुर
अखिल विश्व गायत्री परिवार की छत्तीसगढ़ जोन के द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना से प्रभावित व अन्य लोगों को इसके दुसप्रभाव से बचाने के लिए इन दिनों योग, प्राकृतिक, आयुर्वेदिक एवं मनोवैज्ञानिक चिकत्सको के द्वारा नि:शुल्क परामर्श सेवा का कार्य किया जा रहा है। नि:शुल्क परामर्श की जानकारी या आॅनलाइन लिंक लच्छूराम निषाद 9303838157, डॉक्टर घनश्याम पटेल 997766675, अमित डोये 9926994842 एवं प्रज्ञा प्रकाश निगम 9827945358 से उनके मोबाइल नंबर में संपर्क कर प्राप्त किया जा सकता है।

आज पूरे देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने खतरनाक रफ्तार पकड़ रखी है। कोरोना मरीज बढ?े के चलते देश भर के अस्पतालों में बिस्तर आॅक्सीजन और दवाओं की भारी किल्लत देखने को मिल रही है, समय पर उपचार नही मिलने से मरीज और उनके परिजनोंके निरंतर मानसिक स्थिति में गिरावट एवं  तनाव उत्पन्न हो रहा है। इसे देखते हुए गायत्री परिवार जिला रायपुर के द्वारा आॅनलाइन नि:शुल्क परामर्श सेवा प्रारम्भ किया गया है।

गायत्री परिवार रायपुर के जिला समन्वयक लच्छूराम निषाद ने बताया कि भारतीय संस्कृति में योग और प्राकृतिक चिकित्सा जो कि भारतीय चिकित्सा पद्धति का महत्वपूर्ण स्तंभ है यही आज के इस विषम परिस्थितियों में मरीजों व उनके परिजनों एवं अन्य लोगों के लिए संजीवनी बनकर शारीरिक व मानसिक चिकित्सा प्रदान कर रहा है, जिससे लोगो का मनोबल भी बढ़ रहा है।  आॅनलाइन परामर्श प्रति गुरुवार और रविवार को दोपहर 3 से 5 बजे के मध्य किया जाता है। जिसमे विशेषज्ञों के द्वारा योग, ध्यान व प्राकृतिक पदार्थों से रोगप्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं, अपने को स्वस्थ्य कैसे रखे, भय कैसे समाप्त होगा, एवं अपने आस पास का वातावरण कैसे सकारात्मक रखे इत्यादि बताया जाता है। विगत दिनों हुए आॅनलाइन परामर्श में गौरी शंकर सैनी शांतिकुंज हरिद्वार ने काउंसलिंग में बताया कि व्यक्ति को भोजन में 60त्न प्राकृतिक रूप से पका हुआ खाद्य पदार्थ एवं 40त्न सात्विक आहार जो आप स्वयं पकाते है लेना चाहिए एवं दिन में दो बार भाप लेना और सुबह के समय कुंजल करने से स्वास नली की सफाई हो जाती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। इसी प्रकार अशोक साहू ने बताया कि व्यक्ति को शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक रूप से स्वस्थ होने के लिए योगासन, प्राणायाम, शुद्धि क्रिया एवं ध्यान करना चाहिए।

प्राणेश विश्वास में बताया कि आयुर्वेदिक औषधि को शीघ्रता से शरीर के अंगों पर पहुंचने के लिए प्रतिदिन यज्ञ और हवन किस प्रकार करना चाहिए तथा हवन में कौन-कौन सी जड़ी बूटियों से हवन करने से किस प्रकार का लाभ होता है। डॉ रमाशंकर, छिंदवाड़ा ने तत्व चिकित्सा से अवगत कराते हुए बताया कि व्यक्ति का शरीर पंच तत्वों आकाश, वायु, जल, पृथ्वी और अग्नि से मिलकर बना है इस से संबंध रखने वाली हर प्रकार की समस्या के लिए हमे इन्हीं की सहायता लेनी चाहिए। इन पंच तत्वों का परिणाम और क्रम ठीक रहने से स्वस्थ अवस्था कायम रहती है और इनके घट बढ़ जाने से हमारे शरीर में रोगों का जन्म होता है।  संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए इन पंचतत्वों का उपयोग हमारे शरीर में प्रतिदिन नितांत आवश्यक है। आॅनलाइन परामर्श में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से कई व्यक्ति शामिल होकर लाभ लिए।

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