पहलवान सुशील कुमार की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया जल्द शुरू
नई दिल्ली
पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड का मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस सुशील के स्वजन के संपर्क में है और उसे समर्पण के लिए समझाने को कही रही है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुशील के खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस व गैर जमानती वारंट निकल चुका है, अगर उसने समर्पण नहीं किया तो उसके गांव बापरोला व अन्य जगहों पर मौजूद संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
गत चार मई की रात को छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोपित सुशील और उसके कई साथी फरार हैं, हालांकि पुलिस ने घटना के कुछ देर बाद ही एक आरोपित प्रिंस दलाल को दबोच लिया था। आरोपितों की नौ कारें जब्त की जा चुकी हैं। स्वजन ने लगाया पुलिस पर आरोपसागर के स्वजन का आरोप है कि पुलिस सुशील और अन्य आरोपितों को बचाने की कोशिश कर रही है। इसलिए घायल चश्मदीदों का बयान न लेकर पुलिस ने थाने की डायरी में दर्ज डीडी इंट्री के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है। जानकारों का कहना है कि इससे आगे कहीं न कहीं आरोपितों को जमानत मिलने में लाभ मिल सकता है।
यह बताया चश्मदीदों ने चश्मदीद भक्तु और अमित छत्रसाल स्टेडियम में रहकर ही अभ्यास करते हैं, जबकि सोनू सुबह शाम अभ्यास करने आता है। घटना वाली रात वह स्टेडियम में ही रुका था। गोलियां चलने की आवाज सुनकर तीनों मौके पर पहुंचे तो देखा सागर को गोली लगी थी और सुशील व उसके साथी सागर की पिटाई कर रहे थे। तीनों ने बीच-बचाव की कोशिश की तो उनके साथ भी मारपीट की गई।
इसके बाद सुशील व उसके साथी फरार हो गए। एक चश्मदीद कोविड पाजिटिव इसलिए बयान दर्ज कराने में देरीबीते शनिवार को तीनों चश्मदीद के धारा 161 तहत जांच अधिकारी ने माडल टाउन थाने में बयान दर्ज किए। हालांकि इन्हें महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, क्योंकि बयान पर केवल जांच अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं गवाहों के नहीं। कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान कराने पर केस के लिए मजबूत साक्ष्य माना जाएगा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अमित के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण कोर्ट में बयान नहीं कराए जा सके हैं। वहीं, संयुक्त आयुक्त का कहना है कि तीनों के जल्द ही कोर्ट में बयान कराए जाएंगे।