डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा- भारत में हालात बेहद चिंताजनक, जानलेवा है कोरोना की दूसरी लहर

नई दिल्ली
भारत में कोरोना वायरस रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालात ये हो गये हैं कि अब कोरोना ने ग्रामीण इलाकों को भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। भारत में कोरोना की स्थिति पर डब्ल्यूएचओ ने चिंता व्यक्त की है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने शुक्रवार को कहा कि भारत की कोविड-19 स्थिति चिंतित कर रही है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं, अस्पतालों में लोग भर्ती हो रहे हैं और मौतें हो रही हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि महामारी का दूसरा साल दुनिया के लिए पहले साल के मुकाबले अधिक प्राणघातक होगा। 

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि, 'कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए संगठन भारत की मदद कर रहा है। हजारों की संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, अस्थाई अस्पतालों के लिए टेंट, मास्क और चिकित्सा सामग्री भारत को पहुंचाई गई है।' उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने आगे कहा कि हम उन सभी हितधारकों का धन्यवाद करते हैं जो भारत की मदद कर रहे हैं। शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस के 3,43,144 नए मामले सामने आए। नए मामलों के साथ भारत में कोरोना वायरस के कुल मामले 2,40,46,809 हो गए जबकि मौतों का कुल आंकड़ा 2,62,317 पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि आपातकाल जैसे हालात केवल भारत में ही नहीं है। नेपाल, श्रीलंका, कंबोडिया, थाईलैंड, इजिप्ट कुछ ऐसे देश हैं जो कोरोना के बढ़ते मामलों और अस्पतालों में कोविड मरीजों की बढतीं संख्या का सामना कर रहे हैं। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वैक्सीन की आपूर्ति एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। 

सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और टीकाकरण के संयोजन से ही इस महामारी से बाहर निकला जा सकता है।नई दिल्ली, 15 मई। भारत में कोरोना वायरस रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालात ये हो गये हैं कि अब कोरोना ने ग्रामीण इलाकों को भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। भारत में कोरोना की स्थिति पर डब्ल्यूएचओ ने चिंता व्यक्त की है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने शुक्रवार को कहा कि भारत की कोविड-19 स्थिति चिंतित कर रही है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं, अस्पतालों में लोग भर्ती हो रहे हैं और मौतें हो रही हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि महामारी का दूसरा साल दुनिया के लिए पहले साल के मुकाबले अधिक प्राणघातक होगा।
 

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