CBSE और CISCE की 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब यूपी बोर्ड पर भी दबाव

 प्रयागराज 
CBSE और सीआईएससीई के फैसले से यूपी बोर्ड पर भी दबाव बढ़ गया है। सीबीएसई ने ही सबसे पहले हाई स्कूल की  परीक्षा निरस्त करने का फैसला लिया था। उसके बाद धीरे-धीरे देश के अन्य बोर्ड ने भी परीक्षाएं निरस्त कर दीं। अब 12वीं की भी परीक्षा निरस्त करने के फैसले ने सभी बोर्ड को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
इस फैसले के बाद यूपी बोर्ड के इंटर के 26 लाख से अधिक छात्र और छात्राओं के लिए प्रदेश सरकार के आदेश का इंतजार बढ़ा है। सीबीएसई के फैसले के थोड़ी देर बाद देश के दूसरे सबसे प्रतिष्ठित बोर्ड काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने भी वक्तव्य जारी करके परीक्षाएं निरस्त करने का फैसला ले लिया। बोर्ड का कहना है कि छात्र, शिक्षकों और अन्य हितधारकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कुशलता उनके लिए प्राथमिकता है। यूपी में भी उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने बयान दिया है कि यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षाओं पर सीएम के साथ बैठक के बाद फैसला जल्दी होगा। 28 मई को डिप्टी सीएम ने हाई स्कूल की परीक्षा  निरस्त करते हुए 12वीं की परीक्षा जुलाई में कराने की घोषणा की थी। अपर मुख्य सचिव आराधनाशुक्ला ने 29 मई के आदेश में परीक्षा आयोजित कराने के संबंधी प्रस्ताव माध्मिक शिक्षा निदेशक से मांगा था।

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