5 हजार सहकारी संस्थाओं के चुनाव की तैयारी

भोपाल
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण कम होंने के बाद अब मध्यप्रदेश सहकारिता निर्वाचन प्राधिकारी कार्यालय ने गृह निर्माण, मछुआ कल्याण, दुग्ध संघ, उपभोक्ता भंडार, राशन दुकानों का संचालन कर रही समितियों सहित लगभग पांच हजार ऐसी सहकारी संस्थाओं का चुनाव कराने की तैयारी कर ली है जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इसी सप्ताह से इन संस्थाओं के चुनाव की कवायद शुरू होने जा रही है।

प्रदेश में चालीस हजार सहकारी समितियां है। इनमें से 32 हजार संस्थाओं का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है। पांच हजार से अधिक संस्थाओं का कार्यकाल पूरा हो चुका है। कई संस्थाओं का कार्यकाल पूरा हुए तो एक साल से भी अधिक का समय बीत चुका है। इनमें दुग्ध संघ और उससे जुड़ी सहकारी समितियां, मछुआ कल्याण समितियां, गृह निर्माण सहकारी समितियां, उपभोक्ता भंडार, राशन दुकानों का संचालन कर रही समितियों सहित छोटे स्तर की कई समितियां शामिल है। इन समितियों में दो चरणों में चुनाव की कवायद होंने जा रही है।

पहले चरण में इन समितियों की मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस पर दावे-आपत्तियां बुलाई जाएंगी। इसके बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की तैनाती की जाएगी फिर बोर्ड आॅफ डायरेक्टर के चुनाव कराए जाएंगे। ये सभी चुनाव कोविड प्रोटोकाल का पालन कराते हुए कराए जाएंगे। चुनाव अधिकारी देखेंगे कि चुनाव के दौरान सभी मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। सेनेटाईजर और हाथ धोने के लिए साबुन-पानी का इंतजाम भी वहां होना चाहिए। कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन कराते हुए ये चुनाव कराए जाएंगे, कहीं भी भीड़ एकत्रित ना हो इसका भी ख्याल रखा जाएगा। इसके बाद परिणामों की घोषणा की जाएगी।

बारिश शुरु होने से प्रदेश के किसान इस समय बोनी में लगे है। प्राथमिक सहकारी समितियों में अधिकांश किसान ही सदस्य है। ये सभी ठंड में खेती के काम से फ्री होंगे। तब तक प्रदेश की 4.5 हजार प्राथमिक सहकारी समितियों के चुनाव होना संभव नहीं है। उसके बाद भी यदि कोविड की तीसरी लहर जो सितंबर-अक्टूबर में आना है। उसको देखते हुए आगे भी ये चुनाव टल सकते है।

 

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