फुटेज की जांच करने पर हुआ ये खुलासा- जांच में निकला अखबारों का बंडल

जम्मू 
जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन दिखाई देने की शुरू हो गई है। ड्रोन की तलाश कर रहे जांचकर्ताओं को सीसीटीवी की एक तस्वीर हाथ लगी थी जिसमें एक वस्तु के रिमोट कंट्रोल होने का संदेह जताया था लेकिन वह अखबारों का एक बंडल निकला। सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि सीसीटीवी में रात के अंधेरे में दो लोगों पर सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का नाकाम प्रयास करने और उनके आतंकवादी होने का संदेह व्यक्त किया गया था लेकिन वास्तव में वे एक क्षेत्रीय भाषा के समाचार पत्र के सेलर और डिस्ट्रीब्यूटर थे।

सेना के सतर्क जवानों ने रत्नुचक-कालूचक स्टेशन के ऊपर उड़ रहे दो ड्रोन पर रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को गोलीबारी कर सैन्य प्रतिष्ठान पर हमले की एक कोशिश को नाकाम कर दिया था। अधिकारियों ने आतंरिक जांच की और सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया कि एक कार सड़क पर रक्षा प्रतिष्ठान के साथ बहुत धीमी गति से गुजरती देखी गई। सुरक्षा बलों ने विपरीत दिशा से आ रहे एक मोटरसाइकिल सवार के पास रिमोट कंट्रोल जैसा कुछ होने के बारे में सोचा था और यह सब सोमवार की रात 2.40 बजे के बाद हुआ जब दूसरा ड्रोन देखा गया।

सैन्य स्टेशन जम्मू को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में सीसीटीवी फुटेज से कार के साथ-साथ मोटरसाइकिल मालिकों की पहचान की। सूत्रों ने बताया कि जो व्यक्ति कार चला रहा था, वह स्थानीय भाषा के अखबार का डिस्ट्रीब्यूटर निकला, जबकि मोटरसाइकिल मालिक उसी अखबार का सेलर था और रिमोट कंट्रोल अखबारों का एक बंडल निकला, जो दूरदराज के गांवों में डिस्ट्रीब्यूट के लिए था।
 
समाचार पत्रों के संस्करणों का रात के दौरान वितरण किया जाता है ताकि वे दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंच सकें। इस घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में, पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और घटना की एक दैनिक डायरी प्रविष्टि की, लेकिन ड्रोन देखे जाने के बारे में जांच जारी रखी है।  रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया था कि रविवार देर रात पौने 12 बजे एक ड्रोन और दो बजकर 40 मिनट पर दूसरा ड्रोन देखा गया।

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