सृजन घोटाला का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, मनोरमा देवी और उनके बेटे का करीबी है विपिन

पटना
सृजन घोटाले का मास्टरमाइंड माने जाने वाले विपिन कुमार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद घोटाले के कई अहम राज खुलने की उम्मीद है। मंगलवार को पीएमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा की अदालत में विपिन को पेश किया गया। जहां से न्यायिक हिरासत में लेते हुए उसे फुलवारी जेल भेज दिया गया। जांच के दौरान ईडी को पता चला है कि सृजन घोटाला की किंगपिन स्व. मनोरमा देवी और उसके पुत्र अमित कुमार से विपिन के गहरे रिश्ते थे। भागलपुर स्थित जीटीएम मॉल में सात दुकान विपिन कुमार और उसकी पत्नी रूबी कुमार के नाम से खरीद हुई है। चार दुकान विपिन के नाम और तीन पत्नी रूबी कुमारी के नाम पर है। इसका भुगतान सृजन महिला विकास समिति के खाते से हुआ है। रूबी सृजन घोटाले के एक मामले में फिलहाल जेल में है। पिछले दिनों सीबीआई ने उसे गिरफ्तार किया था। इसके अलावा रूबी कुमारी के नाम गाजियाबाद में आवासीय फ्लैट का भुगतान भी सृजन महिला विकास समिति के खाते से किया गया है। 

लाइनर की भूमिका में था विपिन
विपिन कुमार तिलकामांझी थाने का रहने वाला है। वह बैंक, सृजन महिला विकास समिति, जिला कल्याण पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी, भूअर्जन पदाधिकारी के बीच लाइनर की भूमिका निभाता था। पूर्णिया से तेरह लाख रुपये के चार पहिया वाहन की खरीद भी महिला विकास समिति के खाते से ही की गई थी। इसके अलावा राजधानी पटना के बेलीरोड स्थित गोला रोड में मैजेस्टिक जानकी अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 109 की खरीद भी की है। 

विपिन के खिलाफ नौ मामले की जांच
ईडी विपिन कुमार के खिलाफ दर्ज सृजन घोटाले के नौ मामले का अनुसंधान कर रही है। सीबीआई इन मामलों में चार्जशीट कर चुकी है। सृजन घोटाला के आरोपियों के खिलाफ ईडी 24 मई 2018 से ही जांच कर रही है। इस केस में ईडी ने पीएमएलए 05/21 दर्ज किया है। एक अन्य आरोपित देवशंकर मिश्रा भी इस मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में है। 

अन्य आरोपित भी खोल रहे राज
इससे पहले अकाउंटेंट प्रणव कुमार घोष, जो मनोरमा देवी और सृजन महिला विकास समिति के खाते का लेखा-जोखा रखता था, उसने भी कई अहम राज खोले हैं। पांच दिनों तक रिमांड पर रखकर ईडी इनसे पूछताछ कर चुकी है। अभी वे फिलहाल बेऊर जेल में हैं। 

सरकारी राशि का किया घोटाला
इस मामले के अनुसंधान के दौरान ईडी को पता चला है कि भागलपुर, बांका और सहरसा क्षेत्र के सरकारी राशि का घोटाला हुआ है। इस राशि को पहले सृजन महिला विकास समिति के खाते में ट्रांसफर किया गया, उसके बाद आरोपियों ने उसे अपने खाते में लेकर चल-अचल संपत्ति की खरीदारी की। 
 

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