इंडोनेशिया में जहाज पर तैनात 13 भारतीय हिरासत में, कंबोडिया ने जारी किया था रेड कॉर्नर नोटिस

नई दिल्ली
कंबोडियाई सरकार ने बहामास फ्लैग ऑयल टैंकर एमटी स्ट्रोवोलोस के चालक दल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। जिसके बाद इंडोनेशिया के पोर्ट बार्टम में 19 सदस्यों को हिरासत में लिया गया। जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश के 13 लोग शामिल हैं, बाकि के 6 लोग बांग्लादेश और म्यांमार के हैं। जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला थाईलैंड की खाड़ी में अप्सरा ऑयलफील्ड से निकाले गए तेल के लिए उनकी चार्टरिंग कंपनी क्रिस एनर्जी (अप्सरा) लिमिटेड और कंबोडियाई सरकार के बीच भुगतान को लेकर है। कंबोडिया का कहना है कि उनको अभी तक पैसा नहीं मिला।

 रिपोर्ट के मुताबिक चालक दल के सदस्य सिंगापुर स्थित विश्व टैंकर प्रबंधन कंपनी के कर्मचारी हैं, जो नवंबर 2020 में एमटी स्ट्रोवोलोस पर कंबोडिया के क्रिस एनर्जी अप्सरा ऑयलफील्ड पहुंचे। अनुबंध पूरा होने के बाद वो अपने देश को रवाना होने को तैयार थे। विश्व टैंकर प्रबंधन का कहना है कि ये चार्टरर्स और कंबोडिया सरकार के बीच एक व्यावसायिक विवाद है। ये कोई अपराध नहीं है, ऐसे में कर्मचारियों को हिरासत में लेना गलत है। वो तो सिर्फ अपना काम कर रहे थे। 

इंडोनेशिया सेना में भर्ती होने के लिए अब नहीं होगा 'वर्जिनिटी टेस्ट', लंबी लड़ाई के बाद महिलाओं को मिली आजादी आगे का ये है प्लान कंबोडियाई सरकार के मुताबिक जहाज के मालिकों और चालक दल ने उनका कीमती माल चुराया है, जो लगभग 295,000 बैरल कच्चा तेल है। इसके अलावा प्रत्यर्पण के लिए इंडोनेशिया को पत्र लिखा है। ऐसी आशंका है कि चालक दल को समुद्री डाकू मानकर उन्हें कंबोडियन सरकार को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद बिना निष्पक्ष सुनवाई उन्हें जिंदगीभर सलाखों के पीछे गुजारना पड़ेगा। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कंपनी कंबोडिया की सरकार से बात कर रही है। 

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