ऑस्ट्रेलिया से ड्रॉ हुए डे-नाइट टेस्ट ,स्मृति मंधाना बनीं प्लेयर ऑफ द मैच

क्वींसलैंड
भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए अपने पहले दिन रात्रि टेस्ट में ज्यादातर समय ऑस्ट्रेलिया पर दबदबा बनाये रखा जो मुख्यत: पहले दो दिन खराब मौसम रहने की वजह से ड्रॉ रहा। ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट पर 143 रन पर खेलना शुरू किया। एलिस पेरी (नाबाद 68) और एशले गार्डनर (51) के बीच 89 रन की साझेदारी बना चुकी थी जिसके बाद भारतीय तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम के चरमराने की शुरूआत की और उसे चार विकेट पर 208 रन से नौ विकेट पर 241 रन तक पहुंचा दिया। फिर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मेग लैनिंग ने पहली पारी घोषित करने का दिलचस्प फैसला किया।

पहली पारी में 377 पर पारी घोषित करने वाली भारतीय टीम ने दूसरी पारी में 37 ओवर खेले और फिर चाय के बाद तीन विकेट पर 135 रन पर पारी घोषित कर दी और ऑस्ट्रेलिया को 32 ओवर में जीत के लिये 272 रन का लक्ष्य दे दिया। शेफाली वर्मा ने 91 गेंद में 52 रन बनाये जबकि पूनम राउत 62 गेंद में 41 रन बनाकर नाबाद रही। यह लक्ष्य असंभव ही था और ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी के शुरू में एलिसा हीली और बेथ मूनी के विकेट सस्ते में गंवा दिये। जब दोनों टीमों की कप्तानों ने ड्रॉ के लिये हाथ मिलाये तो ऑस्ट्रेलिया ने 15 ओवर में दो विकेट पर 36 रन बना लिये थे।

कई प्रारूपों की सीरीज के नियमों के अनुसार, दोनों टीमों को दो-दो अंक मिले। सीरीज का स्कोर 6-4 से ऑस्ट्रेलिया के हक में रहा। पहले दो दिन बारिश के कारण 80 से ज्यादा ओवर का खेल खराब हुआ जिससे चार दिवसीय मैच में नतीजा ड्रॉ ही रहने की पूरी संभावना थी। भारतीय टीम चाय ब्रेक पर 242 रन की बढ़त पर दूसरी पारी घोषित कर सकती थी और 41 ओवर गेंदबाजी कर सकती थी लेकिन वह कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते थे।

भारतीय टीम मैच से पहले गुलाबी गेंद से केवल दो ही अभ्यास सत्र कर पायी थी लेकिन उसने ऑस्ट्रेलिया को सभी विभागों में पछाड़ा। दोनों टीमों के बीच 15 साल में पहली बार टेस्ट मैच खेला जा रहा था। स्मृति मंधाना ने दूसरे दिन यादगार शतक जड़कर भारत के लिये बड़े स्कोर की नींव रखी जिसके बाद झूलन गोस्वामी, मेघना सिंह और पूजा वस्त्राकर की तेज गेंदबाजों की तिकड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को दबाव में ला दिया। यह कहना सही होगा कि भारतीय तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की तुलना में अच्छी गेंदबाजी की।

डेब्यू कर रही मेघना ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से प्रभावित किया और 38 साल की झूलन गोस्वामी ने हमेशा की तरह आक्रामक गेंदबाजी की और दिखा दिया कि उम्र महज एक संख्या है। पूजा ने भी बल्लेबाजों को राहत नहीं लेने दी। भारत ने चाय तक दूसरी पारी में दो विकेट पर 106 रन बना लिये थे। पहली पारी में शतक जड़ने वाली स्मृति मंधाना (31) सोफी मोलिन्यु की गेंद पर एशले गार्डनर को डीप में शानदार कैच देकर आउट हुईं।

यास्तिका भाटिया (03) को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये भेजा गया लेकिन वह केवल 12 गेंद ही खेल सकीं। पहले सत्र में भारतीय तेज गेंदबाजों ने नयी गुलाबी गेंद से शानदार प्रदर्शन किया जिसके बाद दबाव में आयी ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 241 रन पर समाप्त घोषित करने का दिलचस्प फैसला किया। ऐसा लगता है कि लैनिंग ने मैच को आगे बढ़ाने के प्रयास में पूरी टीम के सिमटने से पहले पहली पारी घोषित कर दी, जिसके बाद डिनर कर दिया गया।

भारतीय टीम को 136 रन की बढ़त मिली। उसने शनिवार को सात विकेट पर 377 रन पर पहली पारी घोषित की थी। अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने तीसरे दिन शुरूआती दो विकेट झटके थे। पूजा वस्त्राकर ने तीन खिलाड़ियों को आउट किया जबकि दीप्ति शर्मा और मेघना सिंह को दो दो विकेट मिले।

दीप्ति शर्मा ने गार्डनर को पवेलियन भेजा, जिसके बाद पदार्पण कर रही मेघना सिंह ने फिर से अपनी आउट स्विंग लेती गेंदों से बल्लेबाजों को परेशान किया और भारत ने 81वें ओवर में नयी गेंद लेने के बाद चार विकेट झटक लिये। पूजा वस्त्राकर और झूलन गोस्वामी भी कसी गेंदबाजी से दबदबा बनाये थीं। ऑस्ट्रेलिया के पारी घोषित करने के बाद खेल में करीब 70 ओवर का खेल बचा था।

टेस्ट क्रिकेट में 78 से ज्यादा औसत से रन जुटाने वाली पेरी भाग्यशाली रहीं जो कम से कम तीन बार आउट होने से बचीं। एक बार वह पगबाधा की अपील पर बची और दो बार भारतीय खिलाड़ियों ने उनका कैच छोड़ दिया। मेघना ने अपना पहला टेस्ट विकेट खूबसूरत आउट स्विंग गेंद पर एनाबेल सदरलैंड के रूप में झटका जिनका कैच विकेटकीपर तानिया भाटिया ने लपका। उनका दूसरा विकेट सोफी मोलिन्यु का रहा जो उनकी इनस्विंगर का शिकार बनीं।

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