Air India के बकाया बिल 16,000 करोड़ का भुगतान भी केंद्र सरकार ही करेगी

नई दिल्ली

 केंद्र सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश  के लिए टाटा संस (Tata Sons) को चुन लिया है। एयर इंडिया (Air India) की नई होल्डिंग कंपनी के पास अब रियल स्टेट, पेंटिंग और अन्य non-core ऐसेट भी जाने वाली हैं। एयर इंडिया की न्यू होल्डिंग कंपनी के पास अब बैंक के लोन के अलावा अनपेड बिल (Unpaid Bill) भी ट्रांसफर किया जाना है।

एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग कंपनी लिमिटेड  के पास 15,834 करोड की एक्सेस लायबिलिटीज (Liabilities) भी ट्रांसफर की जा रही है। यह एयर इंडिया के कुल कर्ज का एक चौथाई से अधिक है। अगर बात अगस्त 2021 के अंत तक की करें तो एयर इंडिया का कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।

अनपेड बिल भी ट्रांसफर
एयर इंडिया की न्यू होल्डिंग कंपनी के पास अब बैंक के लोन के अलावा अनपेड बिल भी ट्रांसफर किया जाना है। एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के पास एक्सेस लायबिलिटीज में कई तरह की देनदारी शामिल है। अगर अतिरिक्त देनदारी की बात करें तो इसके अंदर क्या शामिल है? सरकार के सूत्रों का कहना है कि इसमें तेल कंपनियों का बकाया बिल, एयरपोर्ट ऑपरेटर और अन्य वेंडर के बिल आदि शामिल हैं।

सरकारी कंपनी पर कर्ज बाकी
पिछले कई सालों से एयर इंडिया बढ़ते कर्ज संकट की वजह से इन सभी का बकाया चुकाने में नाकाम रही है। सरकारी कंपनी होने की वजह से इन सभी ऑपरेटर ने भी एयर इंडिया को बिल चुकाने से राहत दे दी थी। अपनी तरफ से सरकार ने भी कई मद में एयर इंडिया से संबंधित पेमेंट को डिले कर दिया था। इसमें अन्य पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के एंप्लोई द्वारा टिकट खरीदारी पर चुकाया जाने वाला पेमेंट आदि शामिल है।

रोजाना के खर्च पर काबू
एक सरकारी अधिकारी ने इस बारे में कहा एयर इंडिया की बिक्री की वजह से ना सिर्फ सरकार के रोजाना के खर्च पर काबू पाने में रख लगाम लगेगी, इससे उसे सिस्टम को साफ करने और फंड रिलीज करने में भी काफी मदद मिलेगी। एयर इंडिया की इन देनदारियों को नई कंपनी को जल्द ही ट्रांसफर कर दिया जाएगा, इसमें लोन और अनपेड बिल आदि शामिल है।

संपत्ति बेचकर मिलेंगे पैसे
अगले कुछ सालों तक एयर इंडिया की संपत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने की व्यवस्था की जाएगी। यह हालांकि बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है। इस समय सरकार बैंक और कर्ज देने वाले अन्य संस्थानों के साथ मिलकर इसके रिस्ट्रक्चरिंग पर दोबारा काम करने की कोशिश कर सकती है।

दिसंबर के अंत तक ट्रांसफर
सरकार को लगता है कि इसमें कोई समस्या नहीं आएगी क्योंकि एयरलाइन को चलाते रहने के लिए इसके लोन का 94 फ़ीसदी सरकार द्वारा गारंटीड है। मार्च के अंत तक एयर इंडिया का नुकसान करीब ₹84000 करोड़ पर था। इस साल दिसंबर के अंत तक एयर इंडिया अपने नए मालिक के पास ट्रांसफर हो जाएगी। तब तक एयर इंडिया के कामकाज से होने वाला वित्तीय नुकसान सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

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