दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी आतंकी को गिरफ्तार किया, साजिश नाकाम कर दी
नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने फेस्टिव सीजन के दौरान राजधानी को दहलाने की साजिश नाकाम कर दी है। करीब दो महीने पहले एक खुफिया इनपुट से शुरू हुई भागदौड़ लक्ष्मी नगर के रमेश पार्क से मोहम्मद अशरफ अली की गिरफ्तारी पर खत्म हुई। स्पेशल सेल ने दो टीमें बनाकर पूरी साजिश का भांडाफोड़ किया। पुलिस के अनुसार, 2004 में भारत में दाखिल हुआ अशरफ स्लीपर सेल्स का मुखिया था। 2009 से 2017 के बीच वह जम्मू कश्मीर में रहा। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने उसका इस्तेमाल कई टारगेटेड हत्याओं के लिए किया था। उसे इस साल एक आखिरी हमले के लिए ऐक्टिवेट किया गया था मगर दिल्ली पुलिस के जांबाजों ने नापाक इरादों पर पानी फेर दिया।
दिल्ली में बना रखे थे दो-दो ठिकाने
40 साल का अली पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले का रहने वाला है। डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार, उसकी टीम ने कालिंदी कुंज में अशरफ के ठिकाने से एके-47 राइफल, एक्स्ट्रा मैगजीन, 60 राउंड, एक हैंड ग्रेनेड और 50 राउंड्स के साथ दो चीनी पिस्टल बरामद हुई हैं। उसने किराए पर दो जगहें ले रखी थीं। एक शास्त्री नगर के सी ब्लॉक में और दूसरी तुर्कमान गेट पर। पिछले 17 सालों के दौरान अली कई राज्यों में अली अहमद नूरी की भारतीय पहचान लेकर रहा। उसके पास से भारतीय पासपोर्ट और अन्य कागजात भी जब्त किए गए हैं।
उन जांबाजों से मिलिए जिन्होंने नाकाम किया नापाक प्लान
एसीपी ललित मोहन नेगी
एसीपी हृदय भूषण
इंस्पेक्टर विनोद बड़ोला
इंस्पेक्टर रविंदर त्यागी
सब-इंस्पेक्टर सुंदर गौतम
सब-इंस्पेक्टर यशपाल भाटी
कैसे अशरफ अली तक पहुंची पुलिस?
दो महीने पहले एक खुफिया इनपुट मिला कि स्लीपर सेल्स का अगुवाई कर रहा एक संदिग्ध फिर सक्रिय हुआ है। दो टीमें बनाई गईं। कुछ हफ्तों बाद पुलिस को पता चला कि भारत में आतंकी हमले करने के लिए एक पाकिस्तानी नागरिक हथियार और विस्फोटक जुटा रहा है। पुलिस टीम ने जो कुछ पाया, उसके आधार पर 8 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई। पूर्वी दिल्ली में उसके छिपे होने की सूचना मिली।
11 अक्टूबर को पुलिस ने लक्ष्मी नगर के रमेश पार्क में लोकेशन ट्रेस की। फौरन रेड की गई और अशरफ अली को पकड़ लिया गया। पूछताछ के बाद ट्रांस-यमुना के आसपास इलाकों में छापेमारी कर भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।
जब आतंकी की पहचान हो गई तो पता चला कि वह उस स्लीपर सेल नोड का सक्रिय सदस्य था जिसने पहले भी भारत में कई हमले और जासूसी गतिविधियों में हिस्सा लिया है। वह भारतीय पहचान हासिल करने में कामयाब रहा और दिल्ली में पीर मौलाना के रूप में रह रहा था।
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा
पाकिस्तनी हैंडलर ने ही मुहैया कराया आतंक का सामान
स्लीपर सेल्स के और सदस्यों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। अली से खुफिया एजेंसियों के अलावा नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी ने भी पूछताछ की। 2011 के दिल्ली हाई कोर्ट धमाकों समेत कई हमलों में उसकी भूमिका की जांच की जा रही है। डीसीपी कुशवाहा के अनुसार, 'उसपर जम्मू और कश्मीर व भारत के अन्य हिस्सों में कई आतंकी हमलों में शामिल होने का शक है। हाल ही में उसे पाकिस्तानी हैंडलर ने त्योहारी सीजन के दौरान आतंकी हमले करने का हुक्म दिया था। बरामद किए गए हथियार और गोला-बारूद पाकिस्तानी हैंडलर ने मुहैया कराए।'