वोकल फॉर लोकल: कलेक्टर का आदेश, दीये बेचने वालों से बैठकी वसूली नहीं
रीवा
दीप पर्व दीपावली में मिट्टी के मटके, दीये, गमले, कुल्हड़ और मिट्टी के बर्तन बनाकर बाजार में लाकर बेचने वालों से अब नगर निगम और नगर पंचायतों द्वारा बाजार बैठकी और अन्य रूप में किसी तरह की वसूली नहीं की जा सकेगी। रीवा कलेक्टर टी. इलैया राजा ने इस तरह का आदेश जारी कर वोकल फार लोकल को बढ़ावा देने का काम किया है। इसके पहले दतिया कलेक्टर संजय कुमार भी इसी तरह का आदेश जारी कर चुके हैं।
रीवा कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दीपावली पर समीपी गांवों के कुम्हार और क्षेत्रीय और दूरस्थ अंचल के ग्रामीण जन मिट्टी के दीये, बर्तन, कुल्हड़, गमले और अन्य सामान बनाकर बेचने के लिए नगरीय क्षेत्रों में आते हैं। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के साथ अन्य कस्बाई इलाकों में प्रशासन, नगरीय अमला, पुलिस के द्वारा इनसे किसी भी तरह की टैक्स, बैठकी, वसूली नहीं की जाएगी। इन्हें प्रोत्साहित करना है क्योंकि उनके उत्पाद पर्यावरणीय हित में हैं। कलेक्टर ने सभी एसडीएम, थाना प्रभारी, एसडीओपी, एएसपी को इसका पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
दीपावली पर घर, दफ्तर, बाजार रोशन करने के लिए उपयोग की जाने वाली झालरें और अन्य सामग्रियों का उपयोग भी लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए हो। इस तरह की मांग भी अब कलेक्टरों के आदेश के बाद उठने लगी है। साथ ही सरकार से यह मांग भी की जा रही है कि ऐसी वस्तुओं के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कागजी कार्यवाही से राहत दी जाए और सरकार की ओर से आर्थिक सहयोग भी इनके निर्माताओं को दिया जाए। इसके अलावा पटाखों को लेकर भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का मसला उठने लगा है। चीन की झालरों का विरोध हालांकि इस साल अब तक नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि इसी तरह मिट्टी के दीयों को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले दतिया कलेक्टर संजय कुमार ने चार दिन पहले आदेश जारी किए थे और जिले में इसके कारोबारियों द्वारा बेचे जाने वाले उत्पाद ही खरीदने के निर्देश जिले के नागरिकों को दिए गए थे।