कानूगा परिवार को मिला नवकार दरबार में विराजित प्रतिमा को बधाने का लाभ

रायपुर
श्रीऋषभदेव मंदिर सदरबाजार के श्रीनवकार दरबार के समापन अनुष्ठान के अंतर्गत दरबार में 68 दिवसीय नवकार महामंत्र जाप साधना के प्रयोजन से प्रभु पाश्र्वनाथ भगवान एवं अन्य प्रतिमाओं सहित विराजित दादा गुरूदेव की प्रतिमा को देव गुरु धर्म की कृपा से अपने घर पर ले जाकर बधाने और विराजित करने का पुण्यलाभ धर्मनिष्ठ मनमोहन चंद, सुरेश कुमार, सौरभ शशांक कानूगा परिवार को प्राप्त हुआ। इससे पूर्व मां पद्मावति की प्रतिमा के स्थान पर मां महालक्ष्मी की प्रतिमा को दरबार में विधिवत विराजमान किया गया। दादा गुरूदेव की प्रतिमा के स्थान पर गणधर गौतम स्वामी की प्रतिमा विराजित की जाएगी।

प्रात: गौतम रास के हिन्दी भावार्थ एवं लक्ष्मी, पुण्यपाल-हेमपाल के कथानक पर जारी प्रवचन सभा के उपरांत साध्वीवर्या मनोरंजनाश्री की निश्रा एवं साध्वीवर्या द्वय सुभद्राश्री व शुभंकराश्री सहित साध्वी मंडल के सानिध्य में दादा गुरूदेव की प्रतिमा को विधिवत वंदन उपरांत गाजे-बाजे व शोभायात्रा के साथ समस्त श्रीसंघ की उपस्थिति में सदर बाजार स्थित कानूगा निवास पर ले जाया गया। परिवार के मुखिया सुरेश कुमार डागा व परिवारजन बारी-बारी से अपने सिर पर दादा गुरूदेव की प्रतिमा को धारण किए हुए साध्वी मंडल की अगुवाई में हर्षोल्लास से नृत्य करते चल रहे थे। जहां गुरू इक्तीसा के सामूहिक पाठ, स्तवन के साथ दादा गुरूदेव की प्रतिमा विराजित की गई। कानूगा परिवार ने धन्यता का भाव लिए संघ पूजा की। इससे पूर्व शोभायात्रा के रूप सकल श्रीसंघ संतोष गोलछा, डॉ. अजय चोपड़ा के सदरबाजार स्थित एवं श्रेयांश जैन के सत्ती बाजार स्थित आवास पर भी पहुंचा, जहां साध्वी भगवंतों ने पधारकर परिवारजनों को मंगलिक सुनाकर सबके मंगल की कामना की।

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