त्योहारों ने संभाली भारतीय अर्थव्यवस्था की कमान पर कच्चे तेल में तेजी कर रही परेशान

नई दिल्ली 
त्योहारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमान संभाल ली है। सितंबर के महीने से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार और तेज हो गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता, खाद्य तेलों और धातु उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी अभी भी एक चिंता का विषय है। यह अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते पांच महीनों में से तीन महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हुआ है। त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही मांग बढ़ने से यह सुधार देखने को मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, नए ऑर्डर में उछाल की वजह से प्रमुख सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्रों में धारणा मजबूत हुई है। वहीं, बैंक ऋण वितरण में भी वृद्धि देखने को मिली है।

गणेश चतुर्थी से हालात में तेजी से सुधार

रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में गणेश चतुर्थी के साथ शुरू होने वाले भारत में त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ मांग बढ़ी है, जो अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करने का काम किया है। गौरतलब है कि अंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने अनुमान लगाया कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 9.5% दर से बढ़ेगी।
 
कारोबारी गतिविधियों का हाल

आईएचएस मार्किट द्वारा जारी सर्वे के अनुसार, फैक्ट्रियों और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में पिछले महीने लगातार सुधार की ओर इशारा किया, जो मजबूत नए ऑर्डर प्रवाह से हुआ है। इससे कंपोजिट परचेजिंग लगातार दूसरे महीने बढ़ा है। सितंबर में सेवा क्षेत्र में दर्ज की गई वृद्धि, फरवरी से लेकर अब तक की दूसरी तेज वृद्धि है। सर्विस सेक्टर में मांग बढ़ने के संकेत को देखते हुई कंपनियों ने सितंबर में अतिरिक्त हायरिंग की है। कोरोना महामारी से जुड़े प्रतिबंधों में ढील और सभी क्षेत्रों में मांग बढ़ने से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार देखने को मिला है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की ओर इशारा करता है।

निर्यात में बड़ा उछाल आया

इंजीनियरिंग सामान और पेट्रोलियम उत्पादों जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से सितंबर में भारत का वस्तु निर्यात सालाना आधार पर 22.63 प्रतिशत बढ़कर 33.79 अरब डॉलर हो गया। अगस्त में भी निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इस दौरान आयात में भी बड़ा उछाल आया। सितंबर महीने में भारत का आयात काफी बढ़ा है। साल दर साल आधार पर सितंबर में भारत का आयात 85 फ़ीसदी बढ़कर 56.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं सोने की खरीद में साल-दर-साल 254% की वृद्धि देखने को मिली।

उपभोक्ता मांग का हाल

यात्री वाहनों की बिक्री, जिसमें कार और एसयूवी शामिल हैं, एक साल पहले की तुलना में 41% गिर गई क्योंकि वैश्विक चिप की कमी के कारण कार निर्माताओं ने उत्पादन में कटौती की। दोपहिया वाहनों की बिक्री छोटे शहरों में भी गिरावट आई है। हालांकि, इस दौरान बैंक ऋण 6.7% बढ़ा। यह इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ रही है। चिप संकट खत्म होने के साथ गाड़ियों की मांग भी तेजी से बढ़ेगी जो सरकार के राजस्व बढ़ाने में मदद करेगी। सप्लाई चेन में बेहतर सुधार और खाद्य उत्पादों की मंहगाई में कमी से खुदरा महंगाई अगस्त में, पिछले चार महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया था।

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