सॉफ्ट पावर में जर्मनी पांचवी बार बना विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश, भारत को भारी नुकसान

नई दिल्ली
इंटरनेशनल सॉफ्ट पॉवर सर्वे में लगातार पांचवी बार जर्मनी को विश्व का बेस्ट देश घोषित किया गया है, जबकि इस बार अमेरिका ने अपनी पॉजिशन में सुधार किया है, जबकि ब्रिटेन की रैंकिंग इस बार गिर गई है। जबकि, इस लिस्ट में भारत का स्थान काफी नीचे है। इस सर्वे को कई आधार पर किया जाता है, जिसमें विदेशी लोगों का स्वागत करने, पर्यावरण की रक्षा करने समेत कई मुद्दों के आधार पर रैकिंग तय की जाती है, जिसमें लगातार पांचवीं बार जर्मनी पहले स्थान पर आया है।

 

इंटरनेशनल सॉफ्ट पॉवर सर्वे में जर्मनी को फिर से पहले स्थान के लिए चुना गया है, जबकि डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद की समाप्ति के बाद पिछले साल दसवें स्थान पर रहने के बाद अमेरिका आठवें स्थान पर पहुंच गया है। जबकि दूसरे नंबर पर कनाडा और इस रैकिंग में तीसरे नंबर पर जापान आया है। हर साल नेशन ब्रांड्स इंडेक्स मापता है कि देश के शासन, मित्रता, संस्कृति और जीवन की गुणवत्ता सहित छह अलग-अलग पैमानों पर 60 देश कैसा परफॉर्म कर रहे हैं और उसके आधार पर उनकी रैकिंग तय की जाती है। सबसे खास बात ये है कि, इस रैकिंग में विश्व के सिर्फ 60 देशों में ही सर्वे किया जाता है।

इस साल की रैंकिंग में जर्मनी ने लगातार पांचवीं बार और कुल मिलाकर सातवीं बार अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। 2020 में 69.1 प्रतिशत की तुलना में इस साल उनका स्कोर बढ़कर 71.1 प्रतिशत हो गया। जर्मनी को अपने प्रोडक्ट्स और सरकार के गरीबी से लड़ने के सकारात्मक कदमों की वजह से जर्मनी के लोगों की प्रतिष्ठा में इजाफा हुआ है, जिसका फायदा जर्मनी को पहला स्थान बरकरार रखने में मिली है।

कनाडा दूसरे, तीसरे नंबर पर जापान

वहीं, इस साल के टोक्यो ओलंपिक में पदक तालिका में नौवें स्थान पर रहने के बावजूद जापान ने खेलों में अपनी शानदार प्रतिष्ठा के लिए भी अंक अर्जित किए और वो तीसरे स्थान पर आया है, जबकि कनाडा भी 2020 में तीसरे स्थान पर आने के बाद इस साल दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। कनाडा को इस साल आव्रजन और शासन को लेकर अपनी नीतियों की वजह से ज्यादा अंक मिले हैं, जबकि कनाडा की संस्कृति और मित्रता को भी ज्यादा अंक मिले हैं।

अमेरिका और ब्रिटेन का स्थान

इस बीच यूनाइटेड किंगडम का स्कोर इस साल अपने 2020 के 68.1 प्रतिशत से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया, जिसका अर्थ है कि यह शीर्ष स्थान पर जर्मनी से सिर्फ 1.1 प्रतिशत दूर रह गया। इसके बावजूद ब्रिटेन इस साल दूसरे से पांचवें स्थान पर आ गया है। देश की प्रतिष्ठित ताकत साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इसके खेल और समकालीन संस्कृति, और मजबूत शैक्षिक योग्यता में देश के योगदान पर केंद्रित थी। लेकिन, ब्रिटेन को विदेशियों के स्वागत करने और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कम नंबर मिले हैं। वहीं, जो अमेरिका पिछले साल 10वें स्थान पर था, वो अब आठवें स्थान पर आ गया है। पिछले साल ब्रिटेन को कम नंबर डोनाल्ड ट्रंप के खराब शासन, पर्यटन और आव्रजन नीतियों की वजह से मिले थे, जिसमें ट्रंप प्रशासन के द्वारा मुस्लिमों के अमेरिका में प्रवेश करने को लेकर बनाए गये 'खराब' नियम भी शामिल थे। लेकिन, जो बाइडेन के शासनकाल में एक बार फिर से अमेरिका की प्रतिष्ठा में सुधार होना शुरू हो गया है।

चीन और भारत का स्थान

इंटरनेशनल सॉफ्ट पॉवर के सर्वे में इस साल चीन को 31वें पायदान पर रखा गया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल चीन को 4 स्थानों का फायदा मिला है और वो 35 सें 31वें स्थान पर पहुंच गया है। जबकि, इस साल भारत को अपनी रैंकिंग में जबरदस्त नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस साल के सर्वे में भारत को 6 पायदान का नुकसान उठाना पड़ा है और भारत की रैकिंग 40वें स्थान पर पहुंच गई है। वहीं, पाकिस्तान को इस साल भी टॉप-60 देशों की लिस्ट में एंट्री नहीं मिली है।

सर्वे में टॉप-10 देश
इंटरनेशनल सॉफ्ट पॉवर के सर्वे में जर्मनी पहले नंबर पर तो कनाडा दूसरे स्थान पर है, जबकि जापान तीसरे नंबर पर तो इटली चौथे और यूनाइटेड किंगडम पांचवे स्थान पर है, जबकि फ्रांस छठवें, स्विटडजरलैंड सातवें, अमेरिका आठवें, स्वीडन 9वें, ऑस्ट्रेलिया 10वें स्थान पर है। इस लिस्ट में रूस को 27वें, ब्राजील को 28वें, ताइवान को 33वें, तुर्की को 38वें, भारत को 40वें, इंडोनेशिया को 43वें, यूएई को 45वें, इजरायल को 47वें, सऊदी अरब को 55वें स्थान पर जबकि फिलिस्तीन भी इस बार 60वें स्थान पर आने में कामयाब रहा है।

 

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