बाबा सीएम तो अपना घोषणा पत्र भी नहीं पढ़ते और कहां गए उनके 70 लाख नौकरी के वादे : अखिलेश

लखनऊ

मुज़फ्फरनगर में आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा मुख्यमंत्री लैपटॉप चलाना भी नहीं जानते हैं और वे अपना घोषणा पत्र भी नहीं पढ़ते हैं।
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी तापमान अपने चरम की तरफ पहुंच रहा है। गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुज़फ्फरनगर में कश्यप महासम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने लोगों को संबोधित करने के दौरान कहा कि बाबा सीएम तो अपना घोषणा पत्र भी नहीं पढ़ते और उनके 70 लाख नौकरी के वादे कहां गए।

गुरुवार को मुज़फ्फरनगर के बुढ़ाना में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कश्यप महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज किसानों के साथ ही नौजवानों के सामने भी संकट है। इनके हाथ में नौकरी नहीं है और अगर वे कुछ बड़ा सपना भी देखना चाहें तो ऐसे हालात पैदा कर दिए गए हैं कि वो अपना काम काज और रोजगार नहीं कर सकते हैं।

आगे अखिलेश यादव ने कहा कि अभी बाबा मुख्यमंत्री आए थे। कम से कम बाबा मुख्यमंत्री को अपना घोषणा पत्र और संकल्प पत्र पढ़ना चाहिए। अभी तक हम सोचते थे कि बाबा मुख्यमंत्री लैपटॉप इसलिए नहीं बाट रहे कि वे लैपटॉप चलाना नहीं जानते हैं। लेकिन अब यह कह सकते हैं कि जहां वो लैपटॉप चलाना नहीं जानते वहां वो चीजें भी नहीं पढ़ते हैं और अपना घोषणा पत्र भी नहीं पढ़ते हैं। उन्होंने अपने संकल्प पत्र में लिखा था कि हम नौजवानों को 70 लाख नौकरी दे देंगे। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों से यह भी पूछा कि बाबा मुख्यमंत्री ने कितने लोगों को नौकरी दी।

इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा कि एक बार मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि आप युवाओं को नौकरी नहीं दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि नौकरियां और रोजगार तो बहुत हैं लेकिन नौजवानों में टैलेंट नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि पलायन हो गया है। सच्चाई यह है कि अगर उत्तराखंड से मुख्यमंत्री का पलायन न होता तो हमारे पांच साल ख़राब न होते।

इस दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि लोगों से कहा गया था कि हवाई चप्पल वाले भी हवाई जहाज में चलेंगे। लेकिन इन्होंने पेट्रोल इतना महंगा कर दिया है कि मोटरसाइकिल भी नहीं चल पाएगी। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानून को लेकर कहा कि अभी तो फसल की कीमत नहीं मिल रही है लेकिन जब ये कानून लागू हो जाएंगे तो खेत भी नहीं बचेंगे। बड़े बड़े उद्योगपति किसानों को मजदूर बना देंगे। हम इन कानूनों का तबतक विरोध करेंगे जब तक भाजपा इन कानूनों को वापस नहीं ले लेती है।

 

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