कांग्रेस के कई विभाग और प्रकोष्ठ होंगे खत्म, पिछले एक महीने से चल रही समीक्षा

भोपाल
प्रदेश कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक विभाग और डेढ़ दर्जन के लगभग प्रकोष्ठों में से कई को खत्म किया जा सकता है। इन दिनों इस सभी प्रकोष्ठों और विभागों के काम-काज की समीक्षा चल रही है। समीक्षा के बाद निष्क्रिय विभाग और प्रकोष्ठों को बंद करने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ लेंगे। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पार्टी के विभागों और प्रकोष्ठों की समीक्षा करने का तय किया था। इसके बाद उन्होंने समीक्षा की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री जेपी धनोपिया को सौंपी । अब इन दिनों सभी विभागों और प्रकोष्ठों की समीक्षा कर रहे हैं।

सूत्रों की मानी जाए तो समीक्षा मेें यह पाया गया कि कुछ विभाग और प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी तक निष्क्रिय हैं। इनकी प्रदेश और जिलों में कई वर्षों से बैठक तक नहीं हुई। कुछ प्रकोष्ठों के अध्यक्ष पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में कई प्रकोष्ठों और विभागों की कार्यकारिणी को जहां भंग किया जा सकता है। वहीं कुछ प्रकोष्ठ और विभागों को खत्म किया जा सकता है। विभागों के प्रभारी शक्ति कार्यक्रम और प्रोफेशन कांग्रेस को खत्म किया जा सकता है। इसी तरह कुछ प्रकोष्ठों को भी खत्म किया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस में 13 विभाग हैं। इनमें अल्पसंख्यक विभाग, खेत मजदूर किसान कांग्रेस, अनुसूचित जाति विभाग, पूर्व सैनिक विभाग, विचार विभाग, अनुसूचित जनजाति विभाग, मछुवारा विभाग, पिछड़ा वर्ग विभाग, असंगठित श्रमिक विभाग, प्रभारी शक्ति कार्यक्रम, सोशल मीडिया एवं आईटी सेल और प्रोफेशन कांग्रेस शामिल हैं।

कांग्रेस में 15 प्रकोष्ठ हैं। इनमें उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ, नगरीय निकाय प्रकोष्ठ, सहकारिता प्रकोष्ठ, महिला उत्पीड़न प्रकोष्ठ, विमुक्त घुमक्कड प्रकोष्ठ, प्रशासनिक एवं वरिष्ठ अधिकारी प्रकोष्ठ, खेल एवं खिलाड़ी प्रकोष्ठ, शिक्षक प्रकोष्ठ, डॉक्टर एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ, सद्भावना प्रकोष्ठ, इंटक, पंचायतीराज संस्थान प्रकोष्ठ, परिवहन प्रकोष्ठ, जनसमस्या निवारण प्रकोष्ठ और उपभोक्ता संरक्षण प्रकोष्ठ शामिल हैं।

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