सरकारी योजनाएं नहीं होने के कारण बिगड़ी स्थिति, इंजीनियरिंग में पिछड़ी छात्राएं

भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग के कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया में विराम लग गया है। उच्च शिक्षा के निजी और सरकारी 1301 कॉलेजों में छात्राओं ने छात्रों को पीछे छोड़ा है। वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग के कॉलेजों में छात्राएं काफी पिछड़ी हुई हैं। उनके प्रवेश की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं दिखाई दे रही है। जबकि 12वीं के रिजल्ट में छात्राओं का बेहतर प्रदर्शन रहा है।  

उच्च शिक्षा विभाग के 1301 कॉलेजों के यूजी-पीजी कोर्स में छह लाख 58 हजार प्रवेश हुए हैं। इसमें साढेÞ तीन लाख छात्राओं के प्रवेश हुए हैं। पचास फीसदी से ज्यादा प्रवेश छात्राओं के हैं। वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग सवा लाख से ज्यादा प्रवेश हुए हैं। इसमें करीब 31 हजार छात्राओं ने प्रवेश लिये हैं। तकनीकी शिक्षा में छात्राओं के प्रवेश 25 फीसदी छात्राएं प्रवेश नहीं ले सकी हैं। 10वीं, 12वीं और यूजी के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में छात्राओं के पास प्रतिशत छात्रों की अपेक्षा अच्छा रहा है। इसी कड़ी में कॉलेजों के यूजी-पीजी में प्रवेश लेने छात्राओं ने काफी दिलचस्पी दिखा रही हैं। उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर में छात्रों से आगे बढ़कर प्रवेश लिये हैं। इससे प्रदेश की छात्राओं की डिग्री लेने का आंकड़ा भी छात्रों के मुकाबले ज्यादा है।

उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेजों में प्रवेश देने के लिये शासन ने कई स्कीम चला रखी हैं। इसके चलते छात्राएं कॉलेजों तक पहुंच रही हैं। इसमें गांव की बेटी, प्रतिभा किरण के साथ अन्य योजनाओं में छात्राओं को निशुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। जबकि तकनीकी शिक्षा में सिर्फ छात्राओं को जेईई मैंस में 1,50,000 रैंक आने पर ही मुख्यमंत्री मेधावी योजना के तहत निशुल्क प्रवेश मिलता है। वहीं टीएफब्ल्यू में मेरिट पर आने पर नि:शुल्क प्रवेश मिल पाता है। यह स्कीम सिर्फ बीई और बीफार्मा में लागू हैं। इसके कारण दोनों कोर्स में छात्राओं के प्रवेश अच्छे आंकड़े पर हुए हैं।

Back to top button