आजादी के संग्राम: रानीपुरा थाने में पुरानी यादों को संजो कर बताई जाएगी वीरता की कहानी

भोपाल
बैतूल जिले के आदिवासियों की स्वतंत्रता संग्राम में वीरता की कहानियों को बयां करने के लिए प्रदेश की पुलिस ने म्यूजियम बनाया है। जिस भवन में यह म्यूजियम बन कर तैयार हुआ है उस पर कभी अंग्रेज अपना थाना चलाते थे, जिसे स्वतंत्रता आंदोलन के नायक सरदार विष्णुसिंह गोंड के नेतृत्व में भारत छोड़ा आंदोलन के दौरान जला दिया था। म्यूजियम में उस दौर की पुलिस वर्दी से लेकर बैज, बाजे, डंडे, पिस्टल भी सहज कर रखे गए हैं। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले यहां के वीरों के चित्र भी लगाए गए हैं।

बैतूल से 22 किमी दूर गांव रानीपुर आजादी की लड़ाई का खास गवाह रहा है। यहीं वह ऐतिहासिक थाना मौजूद है, जिस पर भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों ने कब्जा कर लिया था।  उसके निशान आज भी इस थाने के गेट पर मौजूद दो खंभों पर देखे जा सकते हैं।  जिस पर आज भी बैतूल के स्वतंत्रता आंदोलन के नायक सरदार विष्णुसिंह गोंड की कुल्हाड़ियों के निशान मौजूद है।

इस पुलिस म्यूजियम में अलग-अलग नौ गैलरी बनाई गई है। जिसमे पुराने हथियार, पुलिस के काम करने के तरीके एवं पुलिस के पुराने रिकॉर्ड, पुलिस साहित्य, अंग्रेजो के दौर के नोट्स, टीप और बैतूल के स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े दस्तावेज, उनकी तस्वीरे सजाई गई है। यहां प्लास्टिक पुतलों में डीजीपी से लेकर सिपाही और अर्दली तक की वर्दियों को रैंक के लिहाज से दशार्या गया है। पुलिस के पुराने उपकरण, पुलिस बैंड से लेकर टेलीप्रिंटर, टाइप राइटर,कैमरे,बर्तन,खेल सामग्री दर्शकों के लिए सजाई गई है।

इनका कहना

थाने की बिल्डिंग दूसरी जगह बन गई थी, तब स्थानीय लोगों ने बताया कि इस थाने का इतिहास स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों की वीरता की याद दिलाता है। इसके बाद हम सब ने मिलकर तय किया कि यहां पर उन वीरों की गाथा को संजो कर रखा जाएगा। इसके बाद म्यूजियम अब लगभग पूरा बन कर
तैयार है।
सिमाला प्रसाद, पुलिस अधीक्षक बैतूल

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