एक रंग-रूप में होंगी राशन दुकानें, गांवों में तैयार करेगा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
भोपाल
मध्यप्रदेश में आने वाले समय में राशन की दुकानें भी अलग से पहचानी जा सकेंगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण को ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में नगरीय विकास विभाग को राशन की दुकानें तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
प्रदेश में राशन की दुकानें अभी कई निजी भवनों में लग रही है। कई दुकानें ऐसी जगह लग रही है जहां तक जाना मुश्किल होता है या वे ठीक से दिखाई भी नहीं देती। इसीलिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग यह तैयारी कर रहा है कि राशन की दुकानों का एक जैसा स्वरूप और रंग तय किया जाए। दुकाने ऐसे शासकीय स्थानों पर बनाई जाए जहां आमजन का आवागमन आसान हो। दुकाने सभी को नजर आए तथा ढूंढने में मुश्किल न हो। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और शहरी क्षेत्रों में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की मदद ली जाएगी। ये विभाग अपने शासकीय भवनों में उपलब्ध रिक्त क्षेत्रों में दुकाने तैयार करेंगे। उनको एक जैसे रंग में रंगा जाएगा।
दुकानों में दो माह का राशन एक साथ रखा जा सके इसलिए उनका गोदाम और स्टोर बड़े आकार का होगा। दुकानों के खुलने और बंद होंने का समय तय होगा। इन राशन दुकानों को बहुउद्देशीय बनाने की जिम्मेदारी सहकारिता विभाग को सौपी जाएगी। दुकाने विभाग तैयार करेंगे और मौजूदा अमले का उपयोग इनके संचालन के लिए किया जाएगा। इसके अलावा जो स्वसहायता समूह पूर्ण संचालन की जिम्मेदारी उठाना चाहेंगे उन्हें यह पूरी दुकानें सौपी जा सकती है।
शोरूम की तरह होगी व्यवस्था
अभी इन दुकानों पर केवल रियायती राशन बिक्री की व्यवस्था होने से मुनाफा कम रहता है इसलिए इन दुकानों पर ब्रांडेड कंपनियों की पैकबंद किराना,खाद्य सामग्री, जनरल आईटम,कपड़े, खाद-बीज, पेस्टीसाईड और अन्य सामग्री भी बेचने के लिए रखी जाएगी। इससे इन दुकानों का मुनाफा भी बढ़ेगा। राशन की दुकानों पर दूध, फल-सब्जी और अन्य सामग्री जो किसानों की मदद से स्थानीय उत्पादकों से लेकर ताजा उपलब्ध कराई जा सकती है उसके लिए किसानों से भी करार किया जाएगा। इसके चलते लोगों को ताजा फल-सब्जी,दूध और दूध से बने उत्पाद भी यहां मिल सकेंगे।