शेयर बाजार में तेजी बरकरार, बढ़त के साथ खुले सेंसेक्स-निफ्टी

नई दिल्ली
शेयर बाजार में तेजी बरकरार है और आज भी यह मजबूती के साथ खुला। बीएसई का 30 स्टॉक्स वाला प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 181 अंकों की बढ़त के साथ 58831 के स्तर पर खुला तो निफ्टी ने आज यानी गुरुवार को कारोबार की शुरुआत 17524 के स्तर से की। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स थोड़ा कमजोर होकर महज 84 अंक ऊपर 58734 के स्तर पर था। जहां तक निफ्टी बात करें तो यह 24.90 (0.14%) अंकों की बढ़त के साथ 17,494.65 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
 

शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन  तेजी के बीच बुधवार को निवेशकों की संपत्ति में 3.96 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई। सेंसेक्स बुधवार को 1,016.03 अंक की बढ़त के साथ 58,649.68 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स में शामिल दो कंपनियों को छोड़कर बाकी के शेयर लाभ में रहे। नीतिगत ब्याज दरें अपरिवर्तित रखने के रिजर्व बैंक के फैसले और ओमीक्रोन के ज्यादा घातक न होने के बारे में आई खबरों से बाजार को मजबूती मिली और निवेशकों को इसका भरपूर फायदा हुआ।   निवेशकों की पूंजी बीएसई में कारोबार के शुरुआती सत्र में ही तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, 224 कंपनियों के शेयर अपने 52 सप्ताह के उच्चस्तर पर बंद हुए। वहीं 396 ने अपनी ऊपरी सर्किट सीमा को छू लिया।

बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण लगातार दूसरे दिन बढ़कर 2,64,15,418.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस तरह मंगलवार की तुलना में बुधवार को निवेशकों की पूंजी में 3.96 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी रही। पिछले कारोबारी दिवस पर इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,60,18,494.21 करोड़ रुपये रहा था।
   
सेबी के खिलाफ सहारा कर्मचारियों और निवेशकों ने बुधवार को पटना में धरना दिया ।पटना शहर के गर्दनीबाग में इस धरना कार्यक्रम में शामिल सहारा इंडिया के पटना जोनल प्रमुख विपुल कुमार सिंह ने बताया कि आज हमने निवेशकों के साथ सेबी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले नौ साल से सेबी सहारा द्वारा जमा कराए गए 24,000 करोड़ रुपये पर बैठा है और कुछ नहीं कर रहा है। इससे हमारी कमाई पर खासा असर पड़ा है। सिंह ने सेबी पर जिद्दी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके इस रुख ने हमारे निवेशकों और लाखों कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी वित्तीय समस्या पैदा कर दी है।

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