केन-बेतवा लिंक परियोजना बुन्देलखण्ड में विकास का नव सूर्योदय : मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना का जो सपना देखा था, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साकार किया है। गत दिवस केन्द्रीय केबिनेट ने 44 हजार 605 करोड़ रूपये की लागत वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास और प्रगति का एक नया सूर्योदय करेगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे बुंदेलखंड क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय केन-बेतवा लिंक परियोजना सूखा प्रभावित क्षेत्र को सिंचाई और पेयजल में आत्म-निर्भर बनाएगी। साथ ही ऊर्जा क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूचि लेकर मध्यप्रदेश को परियोजना की जो सौगात दी है, उससे सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर तो बदलेगी ही साथ ही क्षेत्र में औद्योगीकरण और निवेश को बढ़ावा भी मिलेगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और परम्परागत रूप से होने वाला लोगों का पलायन भी रूकेगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि निःसंदेह केन-बेतवा लिंक परियोजना सूखाग्रस्त बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिये आत्म-निर्भरता और समृद्धि के नये आयाम विकसित करेगी। इससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी तथा जीवन-स्तर सुधरेगा। समावेशी विकास की परिकल्पना साकार होगी तथा आमजन में खुशहाली आयेगी। कुल मिलाकर कहा जा सकता है, कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के मूर्त रूप लेने पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विकास और प्रगति का एक नया सूर्योदय होगा।।

केन नदी मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र की एक प्रमुख नदी है, जिसकी कुल लम्बाई 470 कि.मी. है। यह नदी मध्यप्रदेश के कटनी जिले से निकल कर उत्तरप्रदेश में यमुना नदी में मिलती है। केन नदी 292 कि.मी मध्यप्रदेश में बहती है। आज़ादी के बाद से मध्यप्रदेश केन नदी के जल का बिल्कुल भी उपयोग नहीं कर पा रहा है। केन-बेतवा लिंक परियोजना में दौधन के पास एक बांध बनाकर केन नदी के जल का रोका जाएगा। दौधन बांध से 221 कि.मी. लम्बी एक लिंक नहर का निर्माण कर केन बेसिन के 1074 एम.सी.एम. अतिशेष जल को बेतवा बेसिन में पहुँचाया जायेगा।

परियोजना के पूर्ण होने पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा तथा खुशहाली आएगी। जल संकट से प्रभावित प्रदेश की 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही क्षेत्र में भू-जल की स्थिति में भी सुधार आएगा। परियोजना से बुंदेलखंड के पन्ना जिले में 70 हजार हेक्टेयर, छतरपुर में 3 लाख 11 हजार 151 हेक्टेयर, दमोह में 20 हजार 101 हेक्टेयर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में 50 हजार 112 हेक्टेयर, सागर में 90 हजार हेक्टेयर, रायसेन में 6 हजार हेक्टेयर, विदिशा में 20 हजार हेक्टेयर, शिवपुरी में 76 हजार हेक्टेयर एवं दतिया जिले में 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।

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