भाजपा प्रदेश संगठन द्वारा जिलों की कार्यकारिणी गठित करने के लिए दी गईटाइमलाइन ओवर

भोपाल। भाजपा प्रदेश संगठन द्वारा जिलों की कार्यकारिणी गठित करने के लिए दी गई टाइमलाइन ओवर हो चुकी है पर जिलों में स्थानीय नेताओं की खींचतान और तालमेल न बैठ पाने के चलते 15 जिला अध्यक्ष अपनी कार्यसमिति घोषित नहीं कर सके हैं। केंद्रीय नेतृत्व की इस मामले में रुचि लेने के बाद अब जिला अध्यक्षों ने प्रदेश कार्यालय का रुख कर संगठन नेताओं से मार्गदर्शन और अनुमोदन मांगा है ताकि कार्यकारिणी की घोषणा की जा सके। कल कई जिला अध्यक्ष इसके लिए भोपाल पहुंचे थे।  प्रदेश संगठन ने 26 नवम्बर को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद इसके लिए एक से छह दिसम्बर तक की टाइमलाइन तय की थी। अब भोपाल नगर के जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी ने कार्यकारिणी घोषित हुए बगैर कार्यसमिति बैठक और प्रशिक्षण वर्ग की तारीख 15 से 17 दिसम्बर तक तय की है। इसके पहले पचौरी कार्यसमिति घोषित करने के लिए जोर लगा रहे हैं। बताया जाता है कि राजधानी होने के कारण यहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कार्यकर्ताओं का जुड़ाव और विधायकों का अपनों को संगठन में एडजस्ट कराना कार्यकारिणी की घोषणा में अड़चन बना है। ग्वालियर, चंबल संभाग के नौ जिलों में भी भाजपा जिला कार्यकारिणी की घोषणा नहीं हो सकी है। यहां सबसे अधिक खींचतान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के एडजस्टमेंट को लेकर चल रही है। साथ ही इस अंचल से प्रदेश सरकार मं मंत्री भी अपने समर्थकों को मौका दिलाना चाहते हैं। ग्वालियर में शहर और ग्रामीण इकाई को लेकर पहले सांसद विवेक शेजवलकर और ग्वालियर के वरिष्ठ नेताओं के बीच नेताओं को मौका दिलाने का विवाद थ। बाद में सिंधिया समर्थकों ने इसके लिए लाबिंग की है। इसका असर है कि केंद्रीय मंत्रियों, प्रदेश सरकार के मंत्रियों और स्थानीय विधायकों के बीच तालमेल न हो पाने के चलते दतिया, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर शहर, ग्वालियर ग्रामीण, शिवपुरी, मुरैना, श्योपुर और भिंड की जिला कार्यसमिति घोषित नहीं हो पाई है।

इंदौर, धार, रायसेन में भी खींचतान
जिला कार्यसमिति की टीम का ऐलान इंदौर शहर व ग्रामीण, धार और रायसेन जिले में भी नहीं हो सका है। यहां भी मंत्रियों और सांसदों विधायकों के समर्थकों के बीच एडजस्टमेंट की कमी के चलते सूची अटकी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों एमपी के प्रवास पर आए भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री बीएल संतोष ने भी मोर्चा और जिलों की कार्यकारिणी की घोषणा नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद मोर्चा के काम में तो तेजी आई है पर जिला अध्यक्ष नाम घोषित नहीं कर पा रहे हैं।

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