कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही महिलाओं और युवा वोटरों को साधने की होड़

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई हो, लेकिन सभी राजनीतिक दल युवा और महिला वोटर्स पर फोकस किए हुए हैं। प्रदेश में कुल 14.40 करोड़ वोटर्स हैं। इनमें करीब 45 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स की उम्र 18-40 साल के बीच है जबकि महिला वोटरों की संख्या करीब सात करोड़ है। मतलब राज्य में सबसे ज्यादा संख्या युवा वोटर्स और महिला वोटर्स की है। ये मतदाता ही आगामी विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगे। जिसका संज्ञान लेते हुए सभी दल इनको लुभाने के लिए तरह तरह की वायदे कर रहे हैं। युवा वोटर्स को अपने साथ जोड़ने के मामले में योगी सरकार पूरी तरह से जुटी हुई है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी महिलाओं के लिए अलग से घोषणापत्र लाकर विरोधियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

यूपी का यह युवा वोटर प्रदेश को अपनी लाभ के लिए यूज करने वाले राजनीतिक दलों को सबक सिखाता रहा है। इस युवा वोटर ने ही वर्ष 2007 में मुलायम सिंह यादव के शासन की राजनीतिक उठापटक से ऊब कर मायावती को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाया था। मायावती सरकार में इस युवा वोटर को ध्यान में रखकर योजनाएं नहीं बनाई गई तो फिर इस वोटर ने वर्ष 2012 में अखिलेश यादव को यूपी की सत्ता सौपी। परन्तु अखिलेश सरकार ने युवाओं को सरकारी नौकरी तथा रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान नहीं दिया। तो फिर यूपी के युवा वोटरों ने बीजेपी का साथ दिया और वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी।

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