मध्य प्रदेश पुलिस स्थापना दिवस पर CM ने 41 अफसरों को प्रदान किए राष्ट्रपति पुलिस पदक
भोपाल
मध्य प्रदेश पुलिस स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक फिर ड्रग्स माफियाओं का सफाया करने के निर्देश पुलिस को दिए हैं। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित पुलिस स्थापना दिवस कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेश पुलिस के सामने चार चुनौतियों भी गिनाई। जिसमें महिलाओं एवं बेटियों की सुरक्षा, ड्रग्स के कारोबार का बढ़ना, साइबर क्राइम और माफिया का बढ़ना प्रदेश के लिए चुनौती बताया है। इसी आयोजन में मुख्यमंत्री ने आईपीएस अफसरों से लेकर जवानों तक 41 को राष्टÑपति के पुलिस मेडल प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ड्रग्स का प्रचलन बढ़ रहा है।ड्रग्स माफियाओं का सफाया किया जाए। वहीं उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए क्या बेहतर किया जा सकता है। इस पर भी पुलिस को और काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने इससे पहले प्रदेश के दो आईपीएस अफसरों को वीरता के साथ ही कई आईपीएस अफसरों को विशिष्ठ और सराहनीय सेवाओं के लिए राष्टÑपति के पुलिस पदक भी प्रदान किए। मध्य प्रदेश पुलिस में 2015 में राष्टÑपति का वीरता पुलिस पदक मिला था। इसके बाद 6 साल के इंतजार के बाद यह पदक प्रदेश के दो अफसरों को मिला है। इन दोनों अफसरों के पदकों का ऐलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किया गया था। दोनों अफसरों को यह मेडल भोपाल की एक घटना को लेकर दिया गया है। पदक प्रदान करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने परेड की भी सलामी ली।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुलिस जवानों को मकान दिलाने के लिए अभियान और कुछ नए तरीके खोज रहे हैं। इसमें जिन पुलिसकर्मियों के पास प्लॉट है। वह बैंक से लोन लेकर मकान बनाए। उसे सरकार किराए से लेगी। यह मकान सरकार जिन पुलिसकर्मियों के पास खुद के मकान नहीं है, उन्हें देगी। रिटायर होने के बाद वह पुलिसकर्मी अपने घर में रहे।
सायबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। आधुनिक टेक्नालॉजी का इस्तेमाल कर ऐसे अपराध रोके जाएं। पुलिस को तनाव मुक्त रखने के लिए कार्य करना है। उसमें योग से लेकर अन्य तरह की योजनाओं पर कार्य करने की जरूरी है।
हमारी सरकार ने प्रदेश से नक्सलवादी को खत्म करने का टास्क दिया, उसमें पुलिस ने अच्छा काम किया। हम पूरी तरह से नक्सलवाद को खत्म करेंगे। सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त किया। डकैतों का प्रदेश से सफाया किया। सिंहस्थ और कोविड में पुलिस ने बताया कि नागरिकों के प्रति कर्तव्य क्या होते हैं। प्रदेश पुलिस की बलिदानी परम्परा रही है। हमारी पुलिस ने देश में सर्वश्रेष्ठ काम कर दिखाया है।
सभी तरह के संगठित अपराधों का खात्मा हुआ है। सिर्फ कुछ छोटी-मोटी घटनाएं होती हैं, तो हमारे पुलिस जवान वहां भी पूरी मुस्तैदी से तैनात नजर आते हैं। ग्वालियर चंबल में पहले आतंक था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छा शक्ति के कारण आज वहां शांति है। सभी डाकूओं को खत्म किया।
नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तक नक्सलियों ने उनकी सरकार के मंत्री को मार दिया था। उनकी सरकार में चारों दिशाओं में लगभग अशांति का माहौल था। मैं नेता प्रतिपक्ष (कमलनाथ)की खासतौर पर चर्चा करूंगा, क्योंकि वे कल यानी गुरुवार को बालाघाट में थे। वह पुलिस की आलोचना कर रहे थे, लेकिन हम उन्हें बताना चाहते हैं कि 15 महीने में पुलिस का राज आया और शांति कायम हुई।