सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब -‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज 18 साल बाद जेल से आएगा बाहर?

काठमां
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि हत्या के एक मामले में यहां आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात 'सीरियल किलर' चार्ल्स शोभराज को 18 साल जेल में बिताने के बाद जेल से क्यों नहीं छोड़ा जाना चाहिए। जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने 77 वर्षीय शोभराज को वृद्धावस्था के आधार पर रिहा करने के लिए उसके वकीलों द्वारा दायर अपील के जवाब में कारण बताओ नोटिस जारी किया।

अदालत के एक अधिकारी के अनुसार, शीर्ष अदालत ने सरकार से तीन दिन के भीतर लिखित जवाब देने को कहा कि शोभराज को रिहा क्यों नहीं किया जाना चाहिए। वकील सरोज घिमिरे और शकुंतला थापा ने याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में दलील देते हुए उसकी रिहाई का अनुरोध किया। वियतनामी मां और भारतीय पिता की संतान चार्ल्स शोभराज पर 1975 में जाली पासपोर्ट के जरिए नेपाल में दाखिल होने और अमेरिकी नागरिक कोनी जो बोरोनजिक (29) और उनकी दोस्त कनाडा की नागरिक लौरेंट केरियर (26) की हत्या का आरोप है।

शोभराज नेपाल में एक कैसीनो के बाहर देखा गया था जिसके बाद एक सितंबर 2003 को एक अखबार में उसकी तस्वीर प्रकाशित हुई थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 1975 में काठमांडू और भक्तपुर में एक जोड़े की हत्या के आरोप में शोभराज के खिलाफ हत्या के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। शोभराज काठमांडू की केंद्रीय जेल में 21 साल की सजा काट रहा है। अमेरिकी नागरिक की हत्या के जुर्म में उसे 20 साल तथा जाली पासपोर्ट रखने के अपराध में एक साल की सजा हुई थी।

कनाडा की नागरिक की हत्या के मामले में अदालत ने उसे अभी सजा नहीं दी है। कारण बताओ नोटिस के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने कहा, ''यह प्रारंभिक सुनवाई है और अंतिम सुनवाई से पहले कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। ऐसे मामले में कारण बताओ जारी करना अदालत की एक नियमित प्रक्रिया है।''

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