मेडिकल एजुकेशन के लिए तकनीकी विभाग के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती

जबलपुर
मेडिकल एजुकेशन में दाखिले के लिए तकनीकी शिक्षा कौशल विकास और रोजगार मंत्रालय के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश शासन का ये कार्य आवंटन नियम के खिलाफ व असंवैधानिक है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस सुनीता यादव ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता अधिवक्ता देवाशीष दुबे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश शासन कार्य आवंटन नियम के तहत मेडिकल एजुकेशन में प्रवेश का कार्य मेडिकल शिक्षा विभाग के अधीन आता है. मेडिकल एजुकेशन विभाग ने 9 मार्च 2017 को प्राइवेट मेडिकल एण्ड डेंटल कॉलेज के लिए नियम बनाये थे, इसके बाद तकनीकि शिक्षा कौशल विकास और रोजगार मंत्रालय ने मध्यप्रदेश विनियम एवं शुल्क निर्धारण अधिनियम 2007 में संशोधन संबंधित नोटिफिकेशन 19 मार्च 2017 को जारी किया था. इस अधिनियम में शासकीय व प्राइवेट मेडिकल एव डेंटल कॉलेज को शामिल कर लिया गया था.

तकनीकी विभाग का नियम असंवैधानिक
याचिका में कहा गया था कि अवैधानिक तौर पर बनाये गये नियमों का चिकित्सा शिक्षा विभाग पालन कर रहा है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले कॉलेज के संबंध में तकनीकी शिक्षा कौशल विकास और रोजगार मंत्रालय नियम नहीं बना सकते हैं. मध्यप्रदेश शासन कार्य आवंटन नियम के तहत संबंधित विभाग को अपने नियम बनाने का अधिकार है. यह मध्यप्रदेश शासन का कार्य आवंटन नियम के विपरित व असंवैधानिक है. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांग है. याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष स्वंय रखा.

Back to top button