प्रदेश में तेंदुओं की संख्या में वृद्धि के संकेत

भोपाल
बाघों के बाद मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। बाघ आकलन-2022 के शुरूआती रुझान से पता चलता है कि जिन 16 जिलों में पिछले दो-तीन सालों में तेंदुआ देखे गए हैं, वहां अब संख्या बढ़ रही है। प्रदेश में तेंदुओं की आबादी चार हजार के आसपास पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि अधिकृत आंकड़े केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जारी करेगा, जो दिसंबर 2022 में आ सकते हैं। वर्तमान में यहां 3421 तेंदुआ हैं, जो वर्ष 2018 के बाघ आकलन के दौरान गिने गए थे। यह संख्या देश में सबसे ज्यादा है। वहीं वर्ष 2014 की गिनती में प्रदेश में 1817 तेंदुआ पाए गए थे।

डेढ़ दशक से मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा तेंदुआ हैं। वर्ष 2018 की गिनती में कर्नाटक दूसरे स्थान पर रहा था, पर वहां मध्य प्रदेश से आधे 1783 तेंदुआ हैं। इसलिए तेंदुआ के मामले में मध्य प्रदेश से 'तेंदुआ स्टेट" का खिताब छीन पाना नामुमकिन सा है। तेंदुआ बढ़ने के संकेत बेहतर प्रबंधन की ओर इशारा करते हैं।

वर्तमान में बाघ आकलन-2022 का दूसरा चरण चल रहा है। इस दौरान विभिन्न् संरक्षित और सामान्य वन क्षेत्रों में ट्रैप कैमरे लगाकर बाघ, तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों की फोटो ली जा रही हैं, जो परीक्षण के लिए पहले स्टेट फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसएफआरआइ) जबलपुर और फिर भारतीय वन्यजीव प्रबंधन संस्थान देहरादून भेजे जाएंगे। जहां एक जैसे कई फोटो का मिलान कर तय किया जाएगा कि वे फोटो एक ही बाघ या तेंदुआ के हैं या अलग-अलग। इसी पैमाने से वन्यप्राणियों की संख्या तय की जाती है।

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