रेत के अवैध उत्खनन पर पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस

राजनांदगांव
कलेक्टर  तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश के परिपालन में राजनांदगांव जिले के ग्राम बांकल में अवैध उत्खनन के संबंध में खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग की टीम द्वारा संयुक्त रूप से मौका जांच किया गया तथा अवैध रेत उत्खनन पाए जाने पर संबंधित पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

संयुक्त जांच के दौरान संबंधित पट्टेदार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर 17500 घन मीटर का अवैध रेत उत्खनन किया जाना पाया गया। पट्टाधारी के द्वारा खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम 2016 एवं खनिज संरक्षण विकास तथा विनियमन नियम 2017 का उल्लंघन एवं प्राप्त पर्यावरण सम्मति का उल्लंघन पाया गया। जिसके कारण संबंधित पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। समाधान कारक जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने पर खनिपट्टा निरस्त करने हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाएगा।

गौरतलब है कि पट्टेदार को ग्राम बांकल तहसील एवं जिला राजनांदगांव के खसरा नंबर 406 रकबा 4.85 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज रनर मोल्ंिडग सेण्ड का खनिपट्टा अवधि दिनांक 13 सितम्बर 2004 से 12 सितम्बर 2054 तक स्वीकृत है। जिसमें ग्राम बांकल में ग्रामीणों के द्वारा एवं अन्य माध्यमों से लगातार शिकायत प्राप्त हो रही थी। इसी तारतम्य में संयुक्त जांच की गई। निहित प्रावधानों के अनुसार खनिपट्टा के संबंध में सभी सुसंगत दस्तावेजों एवं उत्पादन, खनिज प्रेषण पंजी, रायल्टी निर्धारण पंजी एवं खनिपट्टा के सभी प्रकार के अद्यतन अनुमोदित प्लान एवं सेक्शन का संधारण नहीं किया जाना नियमों में निहित प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। मौके पर उपलब्ध कर्मचारियों द्वारा निरीक्षण प्राधिकारियों को आवश्यकतानुसार अपेक्षित सहयोग उपलब्ध नहीं किया गया तथा अवलोकन हेतु खनिपट्टा से संबंधित दस्तावेजों की मांग पर उपलब्ध नहीं कराया गया। खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम के अनुसार खनिपट्टा क्षेत्र में सीमा स्तंभ का संधारण नहीं किया गया है। खनिपट्टा क्षेत्र में वेईंग मशीन स्थापित नहीं किया गया है जो कि खनिज रियायत नियम का उल्लंघन है। नियमानुसार मोल्ंिडग सेण्ड की खुदाई एवं भराई श्रमिकों द्वारा हाथों से की जाएगी। इस प्रयोजन के लिए किसी उपकरण संयंत्र का उपयोग नहीं किया जाएगा, ताकि मोल्डिंग सेण्ड उत्खनन के कारण नदी तल, नदी बेसिन की मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित न हो। लेकिन पट्टाधारी द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए मशीन का उपयोग रेत की खुदाई हेतु किया गया है। इनके द्वारा वृक्षारोपण नहीं किया गया है तथा छत्तीसगढ़ खनन पट्टे, खदान पट्टे के अधीन भूमि पर निर्धारण नियम 1987 के अधीन भू-राजस्व राशि का भुगतान नहीं किया गया है तथा कर निर्धारण नहीं कराया गया है।

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