31 मार्च के बाद कोई भी पंचायत पीडीएस दुकान विहीन न रहे – कलेक्टर
मुरैना
जिले में 31 मार्च के बाद कोई भी पंचायत पीडीएस दुकान विहीन न रहे। यह सभी एसडीएम और जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी सुनिश्चित करें। इसके साथ ही जेएसओ का वेतन तभी जारी होगा, जब तक प्रति सप्ताह तीन दिन भ्रमण रिपोर्ट प्रस्तुत न हो जाये। भ्रमण रिपोर्ट में पंचायत सचिव, जीआरएस और पटवारियों के हस्ताक्षर हों। तभी भ्रमण रिपोर्ट मान्य की जायेगी। यह निर्देश कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये है। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोशन कुमार सिंह, अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव, नगर निगम कमिश्नर संजीव कुमार जैन, समस्त एसडीएम, जनपद सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ मौजूद थे।
कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने कहा कि अगले माह से मुझे इस प्रकार की किसी भी ग्रामीणों ने शिकायत की, कि हमे राशन अमुक दुकान से नहीं दिया गया है, तो संबंधित जेएसओ के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। समस्त एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र की रेण्डम तीन-तीन दुकानों का निरीक्षण करें, जिन दुकानों की शिकायते मिलें तो उन दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही करें और जेएसओ का निलंबन का प्रस्ताव भेजे। उन्होंने कहा कि पीडीएस का सिस्टम प्रोपर नहीं चला तो संबंधित के खिलाफ कार्यवाही करूंगा। कलेक्टर ने कहा कि 7 मार्च को अन्नोत्सव का कार्यक्रम होगा। इसमें अधिकतर उपभोक्ताओं को अन्न मिले। यह सुनिश्चित सभी जेएसओ करें। छात्रावास, विद्यालयों में वितरण होना वाला राशन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि डीएसओ, जेएसओ यह सुनिश्चित करें कि पीडीएस दुकानदार पीओएस मशीन से हितग्राही जितना खाद्यान्न दें, उतने खाद्यान्न की पर्ची उपभोक्ताओं को मिले। उसकी दूसरी प्रति पीडीएस संचालक के पास सुरक्षित रहे। जो दुकानदार पावती उपलब्ध नहीं करायेंगे, उनके खिलाफ कार्यवाही होगी।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में कुल 484 दुकान संचालित है। जिसमें 30 दिन के लिये आवंटन 15 दुकानें, 45 दिन के लिये आवंटन हेतु 170 दुकानें, 60 दिन के लिये आवंटन हेतु 58 दुकानें और 90 दिन के लिये आवंटन हेतु 241 दुकानें उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सभी दुकानें कम से कम 60 दिन के लिये स्टॉक उपलब्ध रहें, इस प्रकार का भंडारण भवन होना चाहिये। कलेक्टर ने कहा कि जिले में 100 से कम उपभोक्ताओं वाली 08 दुकानें, 101 से 500 तक उपभोक्ताओं की 299 दुकानें, 501 से 1000 तक उपभोक्ताओं की 137 दुकानें, 1001 से 2000 तक उपभोक्ताओं की 35 दुकानें, 2001 से 3000 तक उपभोक्ताओं की 5 दुकानें बताई गई है। इस आंकड़े को ऐसा निर्धारित किया जाये कि उपभोक्ताओं को राशन आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। कलेक्टर ने दुकानवार संचालन पात्र परिवार, दुकान विहीन पंचायतें, संबंधित दुकानदारों से वसूली आदि के संबंध में विस्तार से निर्देश तहसीलदार को दिये।