तेजस से रक्षा सौदे में तेजी की उम्‍मीद, अपनी खूबियों के कारण कई देशों की बना पहली पंसद

नई दिल्‍ली
हथ‍ियारों के बाजार में भारत अब निर्यात का बड़ा खिलाड़ी बनकर उभर रहा है। भारतीय रक्षा कंपनियां जहां एक ओर भारत की जरूरत के हिसाब से हथियारों के निर्माण पर जोर दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर अपने उम्‍दा हथियारों के निर्यात की ओर भी विस्‍तार देने में जुटी है। इस क्रम में भारतीय एविएशन सेक्‍टर की प्रमुख कंपनी हिंदुस्‍तान एयरोनाटिक्‍स लिमिटेड ने मलेशिया में अपना कार्यालय खोला है। एचएल ने गुरुवार को रक्षा सचिव डा अजय कुमार की मौजूदगी में मलेशिया के कुआलालंपुर में एक कार्यालय स्‍थापित करने के लिए एक समझौते ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत के किस विमान में मलेशिया व अन्‍य देशों की दिलचस्‍पी है। इस दिलचस्‍पी का प्रमुख कारण क्‍या है।

भारतीय तेजस कई विमानों को पछाड़ पहली पंसद बना
भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस लगातार सुर्खियों में है। तेजस दक्षिण-एशियाई देश मलेशिया की पहली पसंद बना हुआ है। भारत और मलेशिया के बीच इस फाइटर जेट के सौदे को लेकर वार्ता का दौर जारी है। मलेशिया के फाइटर जेट कार्यक्रम के लिए आयोजित प्रतियोगिता में चीन का JF-17, दक्षिण कोरिया का FA-50 और रूस का Mig-35 और Yak-130 फाइटर भी शामिल थे। भारतीय विमान तेजस ने इन सबको पछाड़ पहला स्थान हासिल किया है। खास बात यह है कि इस रक्षा सौदे के तहत भारत मलेशिया को मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल का आफर भी दे रहा है। इसके तहत मलेशिया में ही एक फैसिलिटी बनाई जाएगी, जहां भारतीय इंजीनियर तेजस समेत रूसी सुखोई Su-30 फाइटर जेट की भी मरम्मत करेंगे। दरअसल, यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते रूस के अंतरराष्ट्रीय सौदे पर लगे प्रतिबंध की वजह से मलेशिया अभी रूस से मदद नहीं ले सकता है।

भारतीय वायु सेना की रीढ़ बनेगा तेजस
तेजस भारतीय वायु सेना की रीढ़ बनने जा रहा है। इन विमानों के मिल जाने से वायु सेना की मौजूदा ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। तेजस विमानों की तैनाती पाक सीमा के नजदीक गुजरात के नलिया और राजस्थान के फलोदी एयरबेस पर की जाएगी। कुल मिलाकर यह सौदा भारतीय सुरक्षा और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए गेमचेंजर साबित होगा, क्योंकि भारतीय सीमाओं को चीन-पाकिस्तान सरीखे दुष्ट पड़ोसी देशों से निरंतर दोहरी चुनौती मिलती रहती है। ऐसे में भारतीय वायुसेना को आधुनिक तकनीक से निर्मित तेजस जैसे विमानों से लैस करना बेहद जरूरी है। इस तरह तेजस विमानों से वायु सेना की रणनीतिक जरूरतों को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।

तेजस विमान की खूबियां (Features of Tejas Aircraft)
1- तेजस दूर से ही दुश्मन के विमानों पर निशाना साध सकता है। युद्ध के मैदान में यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है। यह विमान उतने ही हथियार और मिसाइल लेकर उड़ सकता है, जितना इससे ज्‍यादा वजन वाला सुखोई विमान। तेजस अपने साथ आठ से नौ टन तक बोझ लेकर उड़ सकता है। तेजस की सबसे बड़ी खूबी इसकी गति है।
2- तेजस 52 हजार फीट की ऊंचाई तक ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेजी से उड़ सकते हैं। वजन में हल्‍के होने के कारण तेजस की गति बेजोड़ है। यह हवा में ईंधन भर सकता है और जंग के लिए दोबारा तैयार हो सकता है। तेजस एक साथ नौ तरह के हथियारों से फायर करने में सक्षम है। इस पर एंटीशिप मिसाइल, बम और राकेट भी लगाए जा सकते हैं। यह लड़ाकू विमान हवा से हवा में, हवा से जमीन पर एवं हवा से पानी में मिसाइल दागने की क्षमता रखता है।
3- यह विमान 460 मीटर के रनवे पर दौड़कर उड़ने की क्षमता रखता है। इस तरह यह नौ सेना के किसी भी विमानवाहक पोत से टेक आफ और उस पर लैंडिंग करने में माहिर है। कम उंचाई पर भी यह विमान उड़ान भरकर शत्रु सेना पर नजदीक से हमला कर सकता है। इसके अलावा यह विमान लेजर गाइडेड मिसाइल से आक्रमण कर सकता है। इसकी खास बात यह है कि जैमर प्रोटेक्शन तकनीक से लैस होने के कारण यह दुश्मन की आंखों में धूल झोंकने में सक्षम है।

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