दिसंबर के बाद डीमैट खाते में ही आएगी बीमा पॉलिसी, हेल्थ, वाहन, जीवन बीमा सभी पर लागू होगा दिसंबर से नया नियम

 नई दिल्ली
 
बीमा पॉलिसी को दस्तावेज के रूप में रखने की मुश्किलों से आपको जल्द छुटकारा मिलने वाला है। इस साल दिसंबर के बाद जितनी भी नई पॉलिसी आएंगी वह डिजिटल होंगी और डिमैट खाता में आएंगी। इसके साथ ही पुरानी बीमा पॉलिसी को भी अगले 12 माह में डिमैट रूप में बदल दिया जाएगा। बीमा नियामक इरडा ने इसकी मंजूरी दे दी है।

इरडा ने बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारियों के साथ बैठक के बाद इस फैसले पर अमल करने का निर्देश दिया है। इरडा के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि यह नई नीति सभी तरह की पॉलिसी- स्वास्थ्य, वाहन, जीवन बीमा पर लागू होगी। उद्योग के अनुमान के अनुसार मौजूदा समय में देश में 50 करोड़ से ज्यादा बीमा पॉलिसी मौजूद हैं, जिन्हें डीमैट फॉर्म में बदलना होगा। बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल का अर्थ है कि दस्तावेज को एक संशोधित ऑनलाइन रूप में परिवर्तित करना। इसका मतलब है कि पॉलिसी के नवीनीकरण के समय किसी व्यक्ति को अब कागजी कार्रवाई में शामिल होने की आवश्यकता भी नहीं होगी। इसका उद्देश्य लेनदेन लागत को कम करना और नीतियों में तेजी से संशोधन सुनिश्चित करना है।
 

बीमा इरडा ने एक और अहम फैसला किया है। इसके तहरत बीमा पॉलिसी की बिक्री, सर्विसिंग और दावों के लिए एक नया मंच स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। यह सुविधा भी इस साल दिसंबर से उपलब्ध होगी। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि इरडा का यह फैसला बीमा क्षेत्र के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है। ग्राहकों को एक मंच पर सभी सुविधाएं मिलने से उनके लिए यह ज्यादा सुविधाजनक होगा।

क्या है डीमैट खाता

शेयरों और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जिन खातों में रखा जाता है, उसे डीमैट खाता कहते हैं। शेयर बाजार से शेयर खरीदने या बेचने के लिए डीमैट खाता होना होना जरुरी है। इसी तरह शेयरों से जुड़े म्यूचुअल फंड (इक्विटी फंड, ईटीएफ) आदि के लिए भी डीमैट खाता जरूरी होता है। डीमैट को छोड़कर किसी अन्य रूप में इन्हें बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है।

 

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