पापुआ न्यू गिनी ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा समझौता करेगा

केनबरा
 प्रशांत महासागर में बसे पापुआ न्यू गिनी ने ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा समझौता करने का ऐलान किया है। इससे पूरे इलाके में चीन की बढ़ती रोकने के उपाय के तौर पर देखा जा रहा है। इस सुरक्षा समझौते की घोषणा पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया के बीच विदेश मंत्री स्तर की कई दौर की बैठकों के बाद की गई है। चीन ने कुछ महीनों पहले ही प्रशांत महासागर में स्थित सोलोमन द्वीप समूह के साथ सुरक्षा समझौता किया था। इसके तहत चीनी सेना को सोलोमन द्वीप समूह में रहने और आपातकाल में बल प्रयोग का अधिकार मिल गया है। हालांकि, सोलोमन की सरकार का दावा है कि उसने चीनी सेना को रहने की इजाजत नहीं दी है। अभी चंद दिनों पहले ही सोलोमन द्वीप समूह ने चीन के दवाब में अमेरिकी युद्धपोतों के अपने तट पर ठहरने के अनुरोध को खारिज कर दिया था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि सोलोमन द्वीप समूह चीन के दबाव में पूरी तरह घुटने टेक चुका है।

चीन-सोलोमन समझौते से परेशान था ऑस्ट्रेलिया
चीन और सोलोमन द्वीप समूह के साथ सुरक्षा समझौते से ऑस्ट्रेलिया की नींद उड़ गई थी। ऑस्ट्रेलिया ने इस समझौते को सीधे तौर पर अपनी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया था। यही कारण है कि तीन महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद विदेश मंत्री बनीं पेनी वोंग ने पद संभालते ही प्रशांत महासागरीय देशों के साथ कूटनीतिक बातचीत को तेज कर दिया था। उन्होंने फिजी, समोआ, टोंगा, न्यूजीलैंड और सोलोमन द्वीप समूह की अलग-अलग यात्राएं भी की। इसके अलावा उन्होंने पैसिफिक आइलैंड फोरम समिट के दौरान भी प्रशांत महासागर के देशों के नेताों के साथ बातचीत को जारी रखा था।

पापुआ न्यू गिनी के अलावा एक और देश ने भी किया समझौता
इस बातचीत ने अब रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पापुआ न्यू गिनी ने न केवल ऑस्ट्रेलिया के साथ एक सुरक्षा समझौते में रुचि व्यक्त की है, बल्कि तिमोर-लेस्ते ने अभी-अभी एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पापुआ न्यू गिनी के विदेश मंत्री जस्टिन टकाचेंको ने घोषणा की है कि उनका देश ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा समझौता करने जा रहा है। टकाचेंको ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा संधि 2019 से काम कर रही है, लेकिन हाल के चीन और सोलोमन द्वीप समूह के बीच रक्षा समझौते से इसको एक पुश मिला है।

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