श्रीलंकाई सरकार ने गंभीर आर्थिक संकट के बीच कहा, IMF कार्यक्रम के लिए लेनदारों का सहयोग बेहद जरूरी

कोलंबो
पिछले कई महीनों से श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने श्रीलंका सरकार को सहायता देने का एलान किया है। इस बीच, श्रीलंकाई सरकार ने कहा कि दिवालिया देश के लिए आईएमएफ से बहुत जरूरी बेलआउट हासिल करने के लिए द्वीप राष्ट्र के लेनदारों से सहयोग महत्वपूर्ण होगा।

1 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने घोषणा की थी कि वह श्रीलंका को चार साल की अवधि में लगभग 2.9 बिलियन अमरीकी डालर का लोन प्रदान करेगा। इस लोन से श्रीलंका को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिल सकेगी। बेलआउट पैकेज से देश की क्रेडिट रेटिंग और अंतरराष्ट्रीय लेनदारों और निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार लेनदारों के साथ एक ऑनलाइन कान्फ्रेंस में श्रीलंकाई सरकार ने शुक्रवार को कहा कि आईएमएफ बोर्ड द्वारा कार्यक्रम को अपनाने के लिए एक शर्त के रूप में द्विपक्षीय लेनदारों से आश्वासन आवश्यक है। सरकार ने कहा कि इसके लिए द्विपक्षीय लेनदारों द्वारा दिए जाने वाले वित्तपोषण आश्वासन की आवश्यकता होती है।

बता दें की श्रीलंका की आर्थिक हालत खराब है। इसमें सरकार का कमजोर राजस्व, बढ़ते स्वास्थ्य खर्चे और ऊर्जा जरूरतों के कारण राजकोषीय स्थिति और खराब हो गई। देश के विकास में गिरावट के कारण राजस्व में आंशिक रूप से कमी आई है। श्रीलंका को अपनी जनसंख्या को दोहरे स्वास्थ्य और ऊर्जा संकट, प्राथमिक संतुलन, राजस्व और व्यय से बचाने के लिए खर्च बढ़ाना पड़ा है। अप्रैल के मध्य में विदेशी मुद्रा संकट के कारण श्रीलंका ने अपने अंतर्राष्ट्रीय ऋण डिफॉल्ट की घोषणा की थी। देशपर 51 बिलियन अमेरिकी डालर का विदेशी ऋण बकाया है, जिसमें से 28 बिलियन अमेरिका डालर का 2027 तक भुगतान किया जाना चाहिए।

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