शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में हुआ वृक्षारोपण

 अमरपाटन
 मैहर मार्ग स्थित शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में  वृक्षारोपण का कार्य परिसर में किया गया।  जीवन की दृष्टि से पर्यावरण मानव के लिए सर्वोच्च जरुरत है। जल, जंगल और जमीन तीनों उसके प्रमुख आधार हैं। विकास के मौजूदा मॉडल की विफलता यह कि जीवन के इन तीनों आधारों को प्रदूषण ने खत्म कर दिया। इसी आधार पर शासकीय आईटीआई में वृक्षारोपण करने की शपथ लिया।  जिसमे संस्था के प्राचार्य बीडी सिंह स्टेनो ट्रेड के शिक्षक रामशंकर दिक्षित संस्था के कार्यकर्ता बाबूलाल और स्टेनो ट्रेड के विद्यार्थी सैफ खान, दीपक सिंह, कृष्ण पटेल, सौरभ गुप्ता, सत्यम साकेत, सुखेंद्र कोरी आदि लोग मौजूद रहे। अभिषेक निगम व विपिन सोनी ने बताया कि वैदिक काल में पर्यावरण प्रदुषण इतनी संतुलित मात्रा में होती थी, जिसके कारण हमे सही समय पे वर्षा देखने को मिलती थी और वैदिक काल के प्रदुषण सही मायने में प्रदुषण नहीं होतें थे क्यूंकि उस वक़्त ऋषि-मुनियों द्वारा जो बड़े-बड़े हवन होतें थे वह उसके द्वारा उत्पन्न हुआ धुआँ होता था, जो सृष्टि के पर्यावरण को संतुलित रखने का काम करता था। देश में लोगों से ज्यादा धीरे-धीरे वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसमे उपयोग किये जाने वाले पेट्रोल, डीज़ल वातावरण में कार्बन उत्सर्जन करते हैं और तो और मानव द्वारा उपयोग किये जाने वाली एयर कंडीशनर, फ्रीज हमारे वातवरण को और गर्म करती है और कार्बन उत्सर्जन में इनका भी बहुत बड़ा योगदान है। हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो यहाँ किसी भी त्यौहार में और खुशियों में वातावरण को बुरे तरीके से दूषित किया जाता है क्यूंकि आग तो पटाखे में मानव द्वारा लगाई जाती है लेकिन असल में जलता हमारा पर्यावरण है।

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