क्रूरता: फीफा वर्ल्डकप कतर में मजदूरों से खाली करवाए जा रहे घर, फुटपाथ पर सोने को मजबूर लोग

दोहा
फीफा विश्व कप 2022 की मेजबानी कतर कर रहा है। कतर में लंबे समय से इस टूर्नामेंट की तैयारियां कर चल रही हैं और अक्सर खबरों में बनी रहती हैं। कतर ने राजधानी दोहा के उस इलाके में विदेशी श्रमिकों के अपार्टमेंट खाली करवा दिए हैं जहां वर्ल्ड कप के दौरान फुटबॉल फैंस रुकने वाले हैं। घरों से निकाले गए मजदूरों ने इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि करीब एक दर्जन से अधिक इमारतों को खाली करवा कर अधिकारियों ने बंद कर दिया है। मुख्य रूप से एशियाई और अफ्रीकी कामगारों को नया आश्रय खोजने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अब ये मजदूर अपने ही घर के सामने फुटपाथ पर बिस्तर लगाने के लिए मजबूर हैं।

 

विदेशी कामगारों को ऐसे समय पर बेघर किया जा रहा है जब कुछ हफ्ते बाद 20 नवंबर से फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने वाला है। फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी ने दुनियाभर में विदेशी मजदूरों के साथ कतर के क्रूर व्यवहार और कड़े कानूनों की पोल खोल कर रख दी है। रिपोर्ट के अनुसार, दोहा के अल-मंसौरा जिले की एक इमारत में 1200 लोग रहते थे। अधिकारियों ने लोगों से कहा कि उनके पास अपने घर खाली करने के लिए सिर्फ दो घंटे हैं।

 

जबरन किया घर से बाहर
निवासियों ने बताया कि नगरपालिका अधिकारी रात करीब 10:30 वापस लौटे, लोगों को जबरन बाहर निकाला और बिल्डिंग के दरवाजे बंद कर दिए। कुछ लोग अपना सामान भी लेकर नहीं जा सके। 10 लोगों के साथ फुटपाथ पर सो रहे एक शख्स ने कहा, 'हमारे पास रहने के लिए कोई दूसरी जगह नहीं है।' इनमें से कुछ लोग गर्मी और उमस के चलते बिना शर्ट के सो रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए इनमें से मजदूरों ने अधिकारियों के डर से अपनी पहचान उजागर नहीं की।

क्या बोले अधिकारी?
मौके पर कुछ लोग एक पिकअप ट्रक में अपना सामान भरते भी नजर आए। उन्होंने कहा कि उन्हें दोहा के 40 किमी उत्तर में एक रूम मिल गया है। कतर के एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि घर खाली करवाने की प्रक्रिया का वर्ल्ड कप से कोई संबंध नहीं है। यह 'दोहा के इलाकों को फिर से व्यवस्थित करने के लिए चल रही व्यापक और दीर्घकालिक योजनाओं' का हिस्सा है। अधिकारी ने कहा कि सभी लोगों को सुरक्षित और उपयुक्त आवास मुहैया कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों से घर खाली करने का अनुरोध 'नोटिस भेजकर किया गया था'।

85 फीसदी सिर्फ विदेशी मजदूर
कतर की 30 लाख आबादी में से करीब 85 फीसदी विदेशी कामगार हैं। उनमें से कई ड्राइवर और दिहाड़ी मजदूर या कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं। एक कामगार ने कहा कि घर खाली करवाने की प्रक्रिया में सिंगल पुरुषों को टारगेट किया गया है, जबकि परिवारों के साथ रहने वाले विदेशी श्रमिक सुरक्षित हैं। रिपोर्ट में ऐसी एक दर्जन से अधिक इमारतों का दावा किया गया है कि जहां निवासियों ने कहा कि लोगों को बेदखल कर दिया गया और कुछ इमारतों की बिजली काट दी गई।

'बंगाली-पाकिस्तानी मजदूरों पर जुल्म'
बांग्लादेश के रहने वाले ड्राइवर मोहम्मद ने कहा कि वर्ल्ड कप की मेजबानी करने के लिए कतर के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने वाले मजदूरों को टूर्नामेंट के करीब आने के साथ कोने में धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा, 'स्टेडियम किसने बनाया? सड़कों को किसने बनाया? सब कुछ किसने बनाया? बंगाली, पाकिस्तानी। हमारे जैसे लोग। अब वे हम सभी को बाहर कर रहे हैं।'

Back to top button